सोशल मीडिया पर कर्नाटक सरकार की 'ऑटोमोबाइल सब्सिडी' योजना से जुड़ी अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक (Karnataka) की कांग्रेस (Congress) सरकार राज्य में ऑटो रिक्शा और टैक्सी में इस योजना के तहत सिर्फ मुस्लिम (Muslim) समुदाय के लोगों को सब्सिडी देगी.
कुछ यूजर अखबार की इस कटिंग को शेयर करते हुए कर्नाटक सरकार पर मुस्लिम समुदाय का तुष्टिकरण करने का आरोप लगा रहे हैं. दावा कर रहे हैं कि योजना का फायदा सिर्फ मुस्लिम समुदाय को मिल रहा है. ये भी कह रहे हैं कि कैसे फायदे के लिए योजना का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है.
किसने किया ये दावा ?: दावा करने वालों में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या और IT राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल हैं.
(दावे देखने के लिए दाईं और स्वाइप करें)
फेसबुक पर ये दावा बड़े पैमाने पर शेयर किया जा रहा है.
क्या ये सच है ? : योजना के तहत टैक्सी, रिक्शा आदि पर सब्सिडी सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को दी जानी है. इसमें सिख, ईसाई, मुस्लिम, पारसी, जैन और बुद्ध समुदाय शामिल हैं.
और ऐसा नहीं है कि ये योजना कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही आई है. कर्नाटक में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी ऐसी ही एक योजना थी.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : कुछ कीवर्ड्स के जरिए हमने योजना से जुड़ी और जानकारी जुटानी शुरू की.
हमें कर्नाटक के अल्पसंख्यक विकास निगम की ऑफिशियल वेबसाइट पर 'स्वाबलंबी सारथी योजना' की जानकारी मिली. इस योजना के तहत टैक्सी, माल ढोने वाले वाहन और ऑटो रिक्शा को सब्सिडी दी जाती है. .

यहां बताया गया है कि योजना सभी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए है
फोटो : स्क्रीनशॉट/KDMC
यहां दिशानिर्देशों में बताया गया है कि योजना के लाभार्थी वाहन के मूल्य का 50% या "अधिकतम 3 लाख रुपए की सब्सिडी" ले सकते हैं.
इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक का कर्नाटक के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से होना जरूरी है. इसमें मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिख और पारसी समुदाय शामिल हैं.
यही नहीं, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के बजट में भी इस योजना का उल्लेख किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि यह योजना अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लोगों के लिए भी लागू है.
कर्नाटक में ये ऐसी पहली योजना है ?: नहीं, कर्नाटक में बीजेपी सरकार के रहते हुए भी ऐसी ही एक योजना थी. इसमें राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को वाहन खरीदने पर सब्सिडी दी जाती थी.
हमें कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग की वेबसाइट पर वित्तीय वर्ष 2021-2022 की ऐसी ही एक योजना मिली, जो अब खत्म हो चुकी है.

बीजेपी की सरकार के रहते हुए भी ऐसी ही योजना थी, जो अब बंद हो गई है.
सोर्स : KARMIN/Altered by Quint Hindi
कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई के कार्यकाल के दौरान, इस सब्सिडी योजना में टैक्सियों की खरीद के लिए सब्सिडी के साथ-साथ नए सामान और ऑटो रिक्शा की खरीद के लिए 75,000 रुपए की सब्सिडी का प्रावधान था.
योजना का फायदा लेने के लिए कर्नाटक में धार्मिक अल्पसंख्यक से होना जरूरी थी. ये भी शर्त थी कि आवेदक या उसके परिवार को पिछले 5 सालों में वाहन खरीदने के लिए कोई सरकारी सब्सिडी न मिली हो.
हमें योजना के लिए जारी हुए बजट के अलावा बेंगलुरु में 2021-22 के दौरान आवंटित वाहनों की संख्या के बारे में भी जानकारी मिली.
इस दस्तावेज के मुताबिक, राज्य सरकार ने 1,333 वाहनों के लिए 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की थी.

बेंगलुरु में योजना के तहत दी गई सब्सिडी से जुड़ी जानकारी
सोर्स : KARMIN/Altered by Quint Hindi
वर्तमान कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने से पहले विभाग के वेरिफाइड X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंस से 2022 में सब्सिडी को लेकर एक यूजर के सवाल का जवाब दिया गया था.
जवाब में बताया गया है कि टैक्सी खरीदने पर 75,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी.
निष्कर्ष : कर्नाटक सरकार की वाहनों पर दी जाने वाली सब्सिडी योजना राज्य के सभी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए है, सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लिए नहीं. बीजेपी के नेतृत्व वाली बसवराज बोम्मई सरकार में भी ऐसी योजना थी.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)