लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) के दो चरण के चुनाव संपन्न हो गए हैं, तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को होगी. ऐसे में लोक सभा चुनावों को लेकर कई तरह की फेक और भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. राहुल गांधी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी तक के गलत और भ्रामक बयान वायरल हो रहे हैं.
इसके सिवा भी चुनावी हफ्ते में ऐसे कई दावे हुए हैं, जिनकी पड़ताल क्विंट हिंदी की फैक्ट चेकिंग टीम ने की है. एक नज़र में जानिए इनका सच.
EVM तोड़ने का पुराना वीडियो लोकसभा चुनावों से जोड़कर वायरल
लोकसभा चुनाव के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक शख्स को मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को जमीन पर फेंकते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद अधिकारी और पुलिस अधिकारी उसे पकड़ते हैं. इस वीडियो को लोकसभा चुनावों से जोड़कर अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान देते पीसी जॉर्ज कांग्रेस नेता हैं ?
लोकसभा चुनावों के बीच सोशल मीडिया पर केरल के बीजेपी नेता पीसी जॉर्ज (PC George) का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में उन्हें मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बातें बोलते हुए सुना जा सकता है.
ट्रकों में भरे मवेशियों का ये वीडियो गुजरात के अडानी पोर्ट का है?
सोशल मीडिया पर बंदरगाह पर खड़े ट्रकों में भरे मवेशियों का एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो गुजरात स्थित अडानी बंदरगाह (Adani Port) का है. दावा ये भी है कि अडानी पोर्ट से भारत की गायों को अरब देशों में निर्यात किया जा रहा है.
ये वीडियो ईराक के बसरा में स्थित उम्म कस्र (Umm Wasr) बंदरगाह का है. हम वीडियो की सटीक लोकेशन और इसके पूरे संदर्भ की पुष्टि नहीं कर सके. लेकिन, हमारी पड़ताल में ये साफ हो गया है कि वीडियो गुजरात के अडानी पोर्ट का नहीं है.
पूरी पड़ताल यहां पढ़ें
आरक्षण को लेकर प्रमोद कृष्णम का पुराना भाषण हाल का बताकर वायरल
जाति आधारित आरक्षण के खिलाफ बोलते कांग्रेस के पूर्व सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव से जोड़कर वायरल है.
बुर्के में आदमी को पकड़ती पुलिस का वीडियो भारत नहीं पाकिस्तान का है
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिसकर्मी बुर्का पहने हुए एक शख्स को हिरासत में लेता दिख रहा है. वीडियो को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया गया कि
'मतदान केंद्र अधिकारियों के लिए बुर्का पहने महिलाओं की जांच करना क्यों जरूरी है, क्योंकि उनमें से कई वास्तव में महिलाएं नहीं हैं.'
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