कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जुड़ी एक खबर बीते मंगलवार यानी 22 जनवरी को दिनभर सुर्खियों में रही. तमाम मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में 3 सीटों से चुनाव लड़ेंगे.
मीडिया रिपोर्ट में इन तीनों सीटों के नाम भी बताए गए. पहली महाराष्ट्र की नांदेड़, दूसरी मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा और तीसरी उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट.
'सूत्रों के हवाले से' चलने वाली इस खबर में कितनी सच्चाई है? क्या सच में राहुल गांधी 2019 के लोकसभा का चुनाव तीन सीटों पर लड़ेंगे? आइए करते हैं इस खबर की पूरी पड़ताल.
राहुल गांधी से जुड़ी इस खबर को टाइम्स नाउ और रिपब्लिक जैसे बड़े चैनलों ने भी प्रमुखता से दिखाया, जिसके बाद ये खबर दिनभर सोशल मीडिया पर भी तैरती रही.
पहले भी कई बार ऐसा देखने को मिला है कि कुछ उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं. जैसे पीएम मोदी ने ही साल 2014 में वाराणसी और बड़ौदा की सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन 3 सीटों से चुनाव लड़ने का प्रावधान तो संविधान में भी नहीं है, फिर कैसे कोई तीन सीट पर चुनाव लड़ सकता है.
संसदीय मामलों के जानकार मेघनाद ने इसी मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा:
‘रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट’ के तहत कोई भी उम्मीदवार एक बार में किसी दो सीट से ही चुनाव लड़ सकता है.”
इस मुद्दे पर मजबूत पकड़ रखने वाले कई जानकार लोग ‘रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट’ का हवाला देकर टाइम्स नाउ और रिपब्लिक टीवी से ट्वीट करते हुए सवाल पूछे हैं.
लाइव लॉ डॉट इन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2018 में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था, “अगर कोई उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़ता है और दोनों पर जीत दर्ज कर लेता है, तो उस स्थिति में बाई-इलेक्शन का खर्चा सरकार को उस उम्मीदवार से ही लेना चाहिए.”
इस तरह से हमने पाया कि राहुल गांधी के तीन सीटों से चुनाव लड़ने की खबर फेक है, क्योंकि एक साथ तीन सीटों से चुनाव लड़ने का कोई कानून ही नहीं है.
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