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RECAP: मुख्तार अंसारी, अमित शाह और लोकसभा चुनावों से जुड़े भ्रामक दावों का सच

Fact Check | सोशल मीडिया पर इस हफ्ते वायरल हुए भ्रामक दावों का सच यहां जानिए.

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इस हफ्ते लोक सभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर अलग-अलग तरह के भ्रामक दावे और फेक न्यूज सोशल मीडिया पर नजर आए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी के बाद तमाम तरह के भ्रामक दावे इंटरनेट पर वायरल किए गए.

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी के जनाजे को लेकर भी कई तरह के भ्रामक दावे इंटरनेट पर वायरल हुए. एक नजर में जानिए इन सभी भ्रामक दावों का सच.

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लोक सभा का टिकट कटने पर रो पड़े अश्विनी चौबे? दावा फेक है

सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का रोते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है. यूजर्स वीडियो के कैप्शन में लिख रहे हैं, "केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे बिहार के बक्सर से टिकट कट जाने के बाद एक कार्यक्रम में फूट फूट कर रो पड़े."

नहीं, यह दावा सही नहीं है. अश्वनी चौबे का रोते हुए यह वीडियो 2023 का है. वह बीजेपी नेता परशुराम चतुर्वेदी के निधन की खबर सुनकर रो पड़े थे ना कि लोक सभा चुनाव का टिकट न मिलने से. वायरल पोस्ट में किये गए दावे भ्रामक है.

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Amit Shah ने नहीं कहा 'देश के दो टुकड़े होने चाहिए'

सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह का वीडियो वायरल है, जिसमें वो कहते दिख रहे हैं. ''देश के दो टुकड़े होने चाहिए, साऊथ इंडिया और नॉर्थ इंडिया''. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अमित शाह देश के विभाजन को बढ़ावा देने की बात कह रहे हैं.

न्यूज चैनल के कॉनक्लेव में बोलते गृह मंत्री का अधूरा वीडियो गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. असल में अमित शाह कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कह रहे थे कि वो देश के दो तुकड़े करना चाहते हैं.

  • कांग्रेस पर देश के विभाजन का आरोप लगाते अमित शाह का अधूरा वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि उन्होंने कहा 'देश के दो टुकड़े होने चाहिए'.

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अरविंद केजरीवाल पर 1987 में नहीं लगा था रेप का आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़ी एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है. वायरल कटिंग के साथ यह कैप्शन शेयर हो रहा है, "अरविंद केजरीवाल 1985 से 1989 तक IIT खड़गपुर में इंजीनियरिंग कर रहे थे. जब वह दूसरे वर्ष की शुरुआत में जून 1987 में थे, तो उन्होंने स्थानीय लड़की के साथ रेप किया. मामला दर्ज किया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया. इसलिए, उसके लिए जेल कोई नई बात नहीं है. वह एक बड़ा झूठा और एंटी हिन्दू है. वह एक क्रिप्टो ईसाई और नेत्रहीन विचारधारा वाला व्यक्ति है. ऊपर दिए गए अखबार को देखें."

नहीं, ये दावा सच नहीं है. इससे पहले भी यही दावा कई बार इंटरनेट पर वायरल हो चुका है.

  • वायरल फोटो में दिख रहा अखबार का लोगो किसी भारतीय अखबार का नहीं बल्कि UK के The Daily Telegraph का है.

  • 2013 में पहली बार चुनाव लड़ते वक्त अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को जो शपथ पत्र दिया था, उसमें ऐसे किसी भी आपराधिक मामले का जिक्र नहीं है. चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी के लिए ये अनिवार्य होता है कि वो उसपर दर्ज हर मामले का ब्यौरा चुनाव आयोग को दे.

  • वायरल हो रही फोटो को अखबारों की फेक कटिंग तैयार करने वाले टूल Fodey.com के जरिए बनाया गया है.

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विराट कोहली की बुराई करते हुए लोगों का वीडियो हाल का नहीं है

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कुछ फैंस का एक इंटरव्यू वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली पर कटाक्ष किया जा रहा है. वीडियो की शुरुआत में एक फैन ने कहा, "बैंगलोर बेकार है", वहीं दूसरे को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "जब तक विराट कोहली टीम में हैं, कप हमारा (RCB का) नहीं होगा."

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) मैच में RCB की हार के बाद विराट कोहली की आलोचना कर रहे फैंस का यह वीडियो अप्रैल 2023 का है. इससे यह दावा भ्रामक हो जाता है क्योंकि वायरल वीडियो में किसी पुरानी घटना का संदर्भ नहीं दिया गया है.

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मुख्तार अंसारी के जनाजे का नहीं है यह वायरल वीडियो

28 मार्च को मुख्तार अंसारी के निधन के बाद, एक वीडियो अब उनके अंतिम संस्कार का बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो शेयर करने वालों ने कहा है, "यह दृश्य किसी शहीद सेना के जवान के अंतिम संस्कार का नहीं बल्कि दर्जनों लोगों की हत्या करने वाले आतंकी मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार का है. हे भारत, खासकर हिंदुओं. अगर तुम नहीं जागे तो आज तक, आपका भविष्य अंधकारमय है."

यह दावा गलत है क्योंकि वीडियो मुख्तार अंसारी की मौत से पहले का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक सकलैन मियां के अंतिम संस्कार का वीडियो है, जिन्हें सूफी स्कॉलर माना जाता है.

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