(चेतावनी: स्टोरी में छेड़छाड़ के विजुअल और उससे जुड़ी जानकारी है)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कई लोगों की भीड़ दो लड़कियों के साथ छेड़-छाड़ करते नजर आ रहे हैं.
क्या है दावा?: वीडियो को हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.
(नोट: वीडियो के विजुअल विचलित करने वाले हैं. इसलिए, हमने वीडियो से जुड़े किसी भी लिंक का इस्तेमाल नहीं किया है.)
कई यूजर्स वीडियो को पश्चिम बंगाल (West Bengal) का बताते हुए दावा कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रहे लोग रोहिंग्या हैं. साथ ही, पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं.
सच क्या है?: वायरल वीडियो न तो हाल का है और न ही पश्चिम बंगाल का है.
वीडियो मई 2017 का है और उत्तर प्रदेश के रामपुर का है, जहां 14 लोगों ने एक सुनसान रोड पर दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो के कीफ्रेम निकालकर हमने गूगल लेंस की मदद से सर्च किया.
इससे हमें NDTV पर 29 मई 2017 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का ब्लर वर्जन इस्तेमाल किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना रामपुर में टांडा पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव के पास की है, जहां 14 लोगों ने दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया था.
हालांकि, वीडियो कब का है, ये तो नहीं पता लेकिन पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और 2 लोगों को गिरफ्तार भी किया था.
रिपोर्ट में रामपुर एसपी विपिन टाडा के हवाले से ये भी बताया गया है कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर, एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
घटना से जुड़ी दूसरी न्यूज रिपोर्ट्स: हमें मामले से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट Dainik Jagran और Live Hindustan और Times of India जैसी कई न्यूज वेबसाइटों पर मिलीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपियों के नाम शाहनवाज (मुख्य आरोपी), सिराज, दानिश, फरमान, सद्दाम हैं. जिनके खिलाफ टांडा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है.
इसके अलावा, हमें यूपी पुलिस का 29 मई 2017 को किया गया एक ट्वीट भी मिला, जिसमें आरोपियों के नाम बताए गए थे.
Indian Express की रिपोर्ट में बताया गया है कि आरोपियों पर IPC की धारा 354 A (यौन उत्पीड़न), 354 B (महिला के निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला करना या बल प्रयोग) के तहत एफआईआर दर्ज की है.
इसके अलावा उन पर आईटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस ने भी ट्वीट कर दी है जानकारी: इसके अलावा, यूपी पुलिस ने भी एक यूजर के ट्वीट पर रेप्लाई करते हुए यूपी पुलिस का 15 फरवरी 2022 का ट्वीट रिट्वीट कर बताया है कि ये घटना 2017 की है और टांडा थाने में अभियोग दर्ज कर NSA के तहत वैधानिक कार्रवाई भी की जा चुकी है.
निष्कर्ष: साफ है कि 2017 का वीडियो अभी का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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