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नफरत फैलाने के आरोप में ऑपइंडिया ने खोए विज्ञापन, चलाया गया कैंपेन

ऑपइंडिया के मामले में ग्रुप के पास अभी तक चार एडवर्टाइजर्स की प्रतिक्रिया आ चुकी है

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लंदन स्थित एक कैंपेन ग्रुप 'स्टॉप फंडिंग हेट' ने कंपनियों से अपने ऐड ऑपइंडिया वेबसाइट से हटाने की अपील की है. ऑपइंडिया एक राइट-विंग वेबसाइट है और उसने कई बार भ्रामक जानकारी फैलाई है. 'स्टॉप फंडिंग हेट' एडवर्टाइजर्स से कह रहा है कि वो ऐसे आउटलेट और पब्लिकेशन को सपोर्ट न दें, जो 'नफरत' फैलाते हैं.

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क्विंट से बात करते हुए 'स्टॉप फंडिंग हेट' के डायरेक्टर रिचर्ड विल्सन ने कहा, "ऑपइंडिया अपने नफरती और भेदभावपूर्ण कवरेज के लिए वैश्विक रूप से बदनाम हो रहा है और हमें लगता है कि मेनस्ट्रीम ऐड कंपनियां इस वेबसाइट के साथ रहना नहीं चाहेंगी."

इस पर लोगों की चिंता के बारे में हमें पता था. लेकिन कुछ दिन पहले हमें किसी ने संपर्क किया और ऑपइंडिया का एक आर्टिकल दिखाया, जिसमें लिखा था ‘गैर-मुस्लिमों को ये विज्ञापन देने का हक है कि वो मुस्लिमों को नौकरी पर नहीं रखना चाहते’. हमने पिछले कुछ सालों में कई नफरती मीडिया हेडलाइन देखी हैं. लेकिन धार्मिक आधार पर इस तरह के भेदभाव को बढ़ावा देना कम ही देखा था.  
रिचर्ड विल्सन, ‘स्टॉप फंडिंग हेट’ के डायरेक्टर 

ऑपइंडिया के मामले में ग्रुप के पास अभी तक चार एडवर्टाइजर्स की प्रतिक्रिया आ चुकी है- Harry’s (पुरुषों के पर्सनल केयर प्रोडक्ट का ब्रांड), Kiddylicious (बच्चों के लिए खाने की एक कंपनी), LiveWorx (टेक्नोलॉजी कांफ्रेंस और इंडस्ट्रियल मार्केटप्लेस) और MUBI India (ऑनलाइन मूवी थिएटर).

Kiddylicious, LiveWorx और MUBI India ने पुष्टि की है कि वो वेबसाइट से अपने ऐड हटा रहे हैं. वहीं Harry’s ने कहा है कि वो विज्ञापनों की समीक्षा करेंगे.  

इसके अलावा अमेरिकी ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग फर्म Rubicon Project ने भी ऑपइंडिया को अपनी लिस्ट से हटा दिया है.

'स्टॉप फंडिंग हेट' ग्रुप ने ट्विटर पर लोगों से अपील की है कि वो वेबसाइट पर दिखने वाले विज्ञापनों स्क्रीनशॉट लें और उस कंपनी को टैग करके एक्शन लेने के लिए कहें. ऑपइंडिया की वेबसाइट पर दिखने वाले कुछ विज्ञापनों में टाटा स्काई और स्पॉटीफाई शामिल हैं.

'रिपब्लिक भारत पर भी लोगों की चिंताएं सुनी हैं'

रिचर्ड विल्सन से जब पूछा गया कि वो और किस मीडिया ग्रुप के बारे में सोच रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि कई लोगों ने रिपब्लिक भारत पर चिंताएं जताई हैं.

कई लोगों ने चिंता जाहिर की है और जैसे-जैसे ज्यादा ग्लोबल ब्रांड इस चैनल की कवरेज देखेंगे, वो इसके साथ जुड़ने पर भी विचार करेंगे.  
रिचर्ड विल्सन, ‘स्टॉप फंडिंग हेट’ के डायरेक्टर

विल्सन ने बताया कि Renault कंपनी ने रिपब्लिक भारत चैनल से विज्ञापन हटा लिए हैं. इसके लिए यूरोप भर में कई एक्टिविस्ट ने कैंपेन चलाया था.

23 अप्रैल को न्यूजलॉन्ड्री ने एक आर्टिकल में बताया कि पालघर लिंचिंग मामले पर अर्नब गोस्वामी के शो का बड़ा स्पांसर Renault था. गोस्वामी ने इस मामले को सांप्रदायिक एंगल दिया था, जबकि ऐसा कुछ था नहीं.  

यूनाइटेड किंगडम की ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी Ofcom अपने मानदंडों का संभावित उल्लंघन करने के मामले में रिपब्लिक भारत की जांच कर रही है. जानकारी के मुताबिक, ये जांच 19 फरवरी के एक ब्रॉडकास्ट को लेकर हो रही है.

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'स्टॉप फंडिंग हेट का मिशन नफरत को लाभहीन बनाना है'

रिचर्ड विल्सन का कहना है कि एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री के काम करने के तरीके की वजह से ब्रांड्स को पता नहीं होता कि उनके विज्ञापन कहां दिख रहे हैं. लेकिन एक बार उन्हें पता चल जाए तो शायद वो एक्शन लेने की सोचेंगे.

दुनियाभर में ऑनलाइन एडवर्टाइजिंग की वजह से नफरती ‘क्लिकबेट’ न्यूज वेबसाइट की भरमार हो गई है, जिससे इन्हें अच्छा ट्रैफिक और रेवेन्यू मिलता है.  
रिचर्ड विल्सन, ‘स्टॉप फंडिंग हेट’ के डायरेक्टर

एडवर्टाइजर्स या तो खुद विज्ञापन के लिए वेबसाइट चुनते हैं या फिर वो गूगल एडसेंस के जरिए ऐसा करते हैं. दूसरे तरीके में उन्हें पता नहीं होता कि विज्ञापन किस वेबसाइट पर दिख रहा है.

विल्सन ने कहा, "स्टॉप फंडिंग हेट का लक्ष्य नफरत को लाभहीन बनाना है. बड़े एडवर्टाइजर्स का ऐसे मीडिया ग्रुप को फंड न करने से छोटे एडवर्टाइजर्स पर फर्क पड़ेगा."

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