सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अस्पताल के मरीज बेड पर सड़कों और शेड के नीचे लेटे हुए हैं. वीडियो में दिख रहा है कि मरीजों के रिश्तेदार उनके आसपास खड़े हैं. दावा किया जा रहा है कि ये हैदराबाद के ओल्ड सिटी का है.
हालांकि, हमें पता चला है कि ये वीडियो हैदराबाद का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लाहौर का है और इसका कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है.
ये दावा कोरोना वायरस के संदर्भ में किया जा रहा था. वीडियो में कई मरीज और उनके साथ मौजूद लोगों को मास्क पहने देखा जा सकता है.
दावा
वीडियो में दिखता है कि बड़ी संख्या में लोग एक इमारत के नीचे इंतजार कर रहे हैं. मरीजों के साथ खड़े लोग उनके लिए पंखा झल रहे हैं या उनकी पीठ सहला रहे हैं और मरीज परेशानी में दिखते हैं.
कई लोग, मरीज और उनके साथ मौजूद लोगों को मास्क पहने देखा जा सकता है. कम से कम एक शख्स को PPE किट जैसा कुछ पहने भी देख सकते हैं.
हमने पाया कि कई लोगों ने फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "ओल्ड सिटी (हैदराबाद) में खतरनाक स्थिति."
हमें क्या मिला?
वीडियो के कीफ्रेम पर Invid सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रिवर्स इमेज सर्च चलाने पर हमें एक आर्टिकल मिला, जिसमें इस वीडियो के विज़ुअल मिले और उसमें दावा किया गया कि ये मरीज लाहौर के एक अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे हैं. इस अस्पताल में आग लग गई थी और ये कोरोना वायरस पॉजिटिव नहीं थे.
इसके बाद हमने लाहौर के अस्पताल में आग लगने की न्यूज रिपोर्ट्स ढूंढी और हमें पाकिस्तानी टीवी न्यूज चैनल Samaa.TV की एक रिपोर्ट मिली. इसमें पुष्टि हुई कि 13 जून को लाहौर के सर्विसेज अस्पताल के सर्जिकल इमरजेंसी वॉर्ड में आग लगी थी.
आग लगने की वजह से उस वॉर्ड में मौजूद 40 मरीजों को बाहर निकाला गया था और उन्हें दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट किया गया. रिपोर्ट में मौजूद वीडियो में दिखता है कि मरीजों को बाहर निकाला जा रहा था और खुले में लाया गया.
हमें इसी घटना के बारे में पाकिस्तानी न्यूज आउटलेट द एक्सप्रेस ट्रिब्यून का एक ट्वीट भी मिला.
पत्रकार मदीहा आबिद अली ने ट्विटर पर लोगों के इस घटना की तस्वीरें और वीडियो को कोरोना वायरस के संदर्भ में शेयर करने को फेक न्यूज बताया. मदीहा ने एक सेलिब्रिटी के खिलाफ भी लिखा, जिन्होंने इस वीडियो को कोरोना वायरस से जोड़ते हुए शेयर किया था.
आखिर में हमने एक गूगल यूजर की सर्विसेज अस्पताल लाहौर की अपलोड की हुई फोटो और वायरल वीडियो के विजुअल की तुलना की. ये दोनों मैच हुए.
इससे ये साफ होता है कि लाहौर के अस्पताल के वीडियो को गलत तरीके से हैदराबाद की बता कर शेयर किया गया.
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