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UP में श्रद्धालुओं को डुबोकर मारने की पुरानी खबर हालिया बताकर वायरल

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक पहले भी तत्कालीन अधिकारियों ने इसकी जांच में सभी आरोप निराधार पाए थे.

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सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है जिसकी हेडलाइन है 'श्रद्धालुओं को डुबोकर मार रहे गोताखोर !' यह खबर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके की है.

क्या है दावा ? इस घटना को हालिया घटना बताकर 'पानी जिहाद' बताकर शेयर किया जा रहा है. दावा है कि मुस्लिम गोताखोर जानबूझ कर लोगों को डूबा रहे हैं और शव निकालने के लिए 30 से 40 हजार रूपये लेते हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक पहले भी तत्कालीन अधिकारियों ने इसकी जांच में सभी आरोप निराधार पाए थे.

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

(ऐसे ही दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.) अयोध्या के राजू दास हनुमानगढ़ी ने X पर इसे पोस्ट किया था जिसे यह रिपोर्ट लिखे जाने तक 10 लाख से ज्यादा बार देखा चुका है.

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क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. यह खबर पुरानी है. यह खबर साल 2018 की है उस समय भी इस घटना की पुष्टि नहीं हो सकी थी.

यह खबर गाजियाबाद के गंगनहर की है जिसे छोटा हरिद्वार भी कहा जाता है. यहां कई मंदिर हैं. तब नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शनि शिव मंदिर (छोटा हरिद्वार) के महंत मुकेश गोस्वामी ने कहा था कि, "यह खबर पूरी तरह गलत है. यहां किसी के साथ इस प्रकार की घटना नहीं हुई है."

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक पहले भी तत्कालीन अधिकारियों ने इसकी जांच में सभी आरोप निराधार पाए थे.

इस रिपोर्ट को यहां पढ़ें

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/NBT)

हमनें सच का पता कैसे लगाया ? हमनें अखबार की कटिंग वाली इस वायरल तस्वीर पर Google की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया और इसके साथ ही इसकी हेडलाइन का टेक्स्ट कॉपी कर उसे कीवर्ड्स की तरह इस्तेमाल किया।

  • हमारी सर्च में हमें Jagran.com की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इस घटना का जिक्र किया गया था.

  • इस रिपोर्ट के मुताबिक लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने यह दावा किया तह कि गंगनहर में श्रद्धालुओं को डूबोकर मारा जा रहा है.

  • नवभारत टाइम्स की इस रिपोर्ट के मुताबिक नंद किशोर गुर्जर के सिवा दो अन्य विधायकों ने डीएम को इस गंगनहर इलाके की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर लेटर लिखा था, लेकिन लूट के लिए डुबोने की बात सिर्फ नंद किशोर गुर्जर ने की थी.

NBT की रिपोर्ट में क्या लिखा ? Google पर इससे सम्बंधित खबरें ढूंढने पर हमें नवभारत टाइम्स की यह रिपोर्ट मिली, जिसमें इस दावे का आधार पुराने अखबार की कटिंग को ही बताया गया था.

इस रिपोर्ट के मुताबिक SP नरेश कुमार का कहना है कि, "कई वर्ष पुरानी पेपर कटिंग के आधार पर आरोप लगाए जा रहे हैं. 6 वर्ष पहले भी इसी प्रकार के आरोप लगाए गए थे. तत्कालीन अधिकारियों ने जांच में सभी आरोप निराधार पाए थे."

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पुलिस ने हमें क्या बताया ? टीम वेबकूफ ने इस घटना को वेरिफाई करने के लिए मुरादनगर थाने के SHO से बात की जिन्होंने हमें बताया कि, "हाल ही में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, यह खबर पुरानी है और तब भी जांच में यह खबर झूठ पाई गई थी."

निष्कर्ष: गाजियाबाद के गंगनहर में कथित तौर पर गोताखोर के श्रद्धालुओं को डुबोकर मारने की पुरानी खबर को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है.

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