उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का बताकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में पुलिस कुछ लोगों को पीटती और पकड़कर पुलिस गाड़ी पर बैठाती दिख रही है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इन लोगों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ रैली निकाली और उसके तुरंत बाद योगी सरकार की पुलिस ने कार्रवाई की.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं, बल्कि तेलंगाना के हैदराबाद का है. जो वहां हुई पुलिस कार्रवाई को दिखाता है.
अगस्त 2022 में बीजेपी से निलंबित टी राजा सिंह ने मोहम्मद साहब पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनके खिलाफ प्रोटेस्ट करने वाले कई युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया था.
दावा
वीडियो को कई यूजर्स ने इस कैप्शन के साथ शेयर किया है, ''शाम को 5:00 बजे रैली निकाली ,आर एस एस वालों को काट डालो और 7:00 बजे शाम को योगी सरकार का रिजल्ट!"
पड़ताल में हमने क्या पाया
वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटकर, हमने उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें The News Minute के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
इस वीडियो के शुरुआत से लेकर 6 सेकेंड तक वायरल वीडियो का एक हिस्सा देखा जा सकता है. इसके अलावा, बाकी हिस्से 1 मिनट 46 सेकेंड और 2 मिनट 47 सेकेंड पर देखे जा सकते हैं.
वीडियो डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, मोहम्मद साहब पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए टी राजा सिंह को 22 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था और उसी दिन जमानत में छोड़ा गया था. तब से हैदराबाद ओल्ड सिटी के कई हिस्सों में प्रोटेस्ट शुरु हो गए थे.
इसके बाद, 24 अगस्त रात को पुलिस पर पथराव करने को लेकर पुलिस ने कई जगहों से कई लोगों को हिरासत में लिया था.
क्विंट पर भी इस घटना पर रिपोर्ट है. रिपोर्ट के मुताबिक, पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद शहर में प्रोटेस्ट हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने कई युवकों को हिरासत में लिया था. हालांकि, हिरासत में लिए गए लोगों के माता-पिता ने दावा किया था कि युवक निर्दोष हैं और वो प्रोटेस्ट का हिस्सा नहीं थे.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि टी राजा सिंह को 22 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और जमानत पर रिहा कर दिया गया. इसके बाद, 25 अगस्त को उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था.
हालांकि, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले पर हस्तक्षेप किया. इसके बाद 90 से ज्यादा लोगों को रिहा किया गया था.
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर, उसमें 'Shaffaf' लिखा एक बोर्ड दिख रहा है. हमने गूगल मैप्स पर जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च किया तो हमें पता चला कि ये ओल्ड हैदराबाद में एक जगह शाह अली बंदा का वीडियो है.
वायरल वीडियो और स्ट्रीट व्यू में दी गई तस्वीर से तुलना करने पर दोनों में कई समानताएं देखी जा सकती हैं.
साफ है कि तेलंगाना के हैदराबाद का पुराना वीडियो उत्तर प्रदेश का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)