सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने झुके. पोस्ट में गुलाम मानसिकता की बात की गई है.
हालांकि, हमने पाया कि फोटो तो ओरिजिनल है, लेकिन इसके साथ शेयर किया जा रहा दावा भ्रामक है. राष्ट्रपति, यूपी के 5 दिन के दौरे पर हैं. उन्होंने 27 जून को कानपुर देहात में अपने गांव परौंख के पास हेलीपैड में उतरते ही जमीन को छुआ और श्रद्धांजलि दी.
दावा
एक सोशल मीडिया यूजर ने इस फोटो को शेयर किया. और एक अलग ढंग से एक पिछड़ी जाति के जिलाधिकारी की कहानी नैरेट करते हुए, कहानी की तुलना महामहिम की इस फोटो से की. इस कहानी के मुताबिक, एक पिछड़ी जाति के जिलाधिकारी ने एक पंडित के पैर छुए बिना ही दूर से दंडवत होकर प्रणाम किया था.
यूजर ने इस कहानी और राष्ट्रपति की फोटो के बीच समानताएं बताई हैं और लिखा है कि 'गुलामी की मानसिकता कभी पीछा नहीं छोड़ती है'.
पड़ताल में हमने क्या पाया
ये फोटो 27 जून को 'President of India' के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की गई थी. इस फोटो के कैप्शन में लिखा गया है, ''एक अनोखा भाव, उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के परौंख गांव के पास हेलीपैड पर उतरकर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी जन्मभूमि को सम्मान देने के लिए मिट्टी का स्पर्श किया.''
कोविंद 25 जून से यूपी के पांच दिवसीय दौरे पर हैं. वो एक विशेष ट्रेन से कानपुर पहुंचे थे. ऐसा 15 साल के बाद हुआ है जब एक मौजूदा राष्ट्रपति रेल यात्रा कर रहे हैं.
राष्ट्रपति कोविंद ने 27 जून को कानपुर देहात में जन अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं हमेशा अपने जन्म स्थान का दौरा करना चाहता था. और मैं सालों से इस दिन का इंतजार कर रहा था. इसलिए, जब मैं हेलीकॉप्टर से उतरा, तो मैंने सबसे पहले अपनी मातृभूमि की वंदना की. इस बार देरी हो गई, भविष्य में ऐसा नहीं होगा और मैं जल्द ही वापस आ सकता हूं.''
मतलब साफ है कि जातिवादी नैरेशन के साथ एक भ्रामक पोस्ट शेयर कर ये गलत दावा किया जा रहा है कि कोविंद यूपी के सीएम के सामने झुके.
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