सोशल मीडिया पर सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के लिए बिहार से मुंबई गए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को लेकर कुछ बातें शेयर की जा रही हैं. कहा जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को अब डेप्यूटेशन पर सीबीआई में ट्रांसफर कर दिया गया है. लेकिन आपको बता दें कि ये बात सरासर झूठ है.
क्विंट से बात करते हुए आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी ने खुद इस बात की जानकारी दी है कि ये खबर फेक है. इनके अलावा सीबीआई के प्रवक्ता आरके गौर ने भी ऐसे सोशल मीडिया मैसेज को झूठा बताया है.
क्या है दावा?
ट्विटर यूजर 'RVAIDYA2000' दावा किया है कि: “अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक..! विनय तिवारी को प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में भेजा. हां, वह बिहार के एसपी जो ठाकरे की बीएमसी द्वारा जबरन क्वॉरन्टीन में भेजे गए थे."
इस ट्वीट को अब तक 3,000 लोगों ने रीट्वीट किया है और 10,000 लाइक्स मिले हैं.
यही नहीं मीडिया आउटलेट कलिंगा टीवी ने भी एक आर्टिकल छापा है जिसमें कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी की सीबीआई में डेप्यूटेशन की गई है और "सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच की संभावना है."
पूरा सच क्या है?
द क्विंट से बात करते हुए, IPS अधिकारी विनय तिवारी ने स्पष्ट रूप से इस बात से इनकार किया उन्हें प्रतिनियुक्ति पर CBI में भेजा गया है.
“यह सिर्फ फर्जी खबर है और एक अफवाह है. मैंने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी इसका स्पष्ट रूप से खंडन किया है. यह दावा फर्जी है और मेरा इससे कोई संबंध नहीं है.”
सोमवार, 10 अगस्त को अपने ट्विटर पर एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए उन्होंने लिखा, “कल से कुछ खबरें चल रही हैं. वे पूरी तरह से झूठ और अफवाह हैं. कृपया उन पर ध्यान न दें."
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच के लिए विनय तिवारी जैसे ही मुंबई पहुंचे थे. उन्हें क्वॉरंटीन कर लिया गया था. इसको लेकर बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस तकरार की नौबत आ गई थी..जिसके बाद बिहार पुलिस ने बीएमसी को चिट्ठी लिखकर आईपीएस विनय तिवारी को तुरंत छोड़ने की अपील की थी.
यूपी के ललितपुर निवासी और 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, साल 2019 में उनको पटना सेंट्रल का नया सिटी एसपी बनाया गया था.
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