दिल्ली पुलिस किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच कर रही है, जिसमें टूलकिट डॉक्यूमेंट का अहम रोल बताया जा रहा है. इस टूलकिट मामले में जांच शुरू होने के बाद से ही क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें ट्रेन में बैठी ग्रेटा खाना खाती दिख रही हैं, वहीं कुछ गरीब बच्चे खिड़की से ग्रेटा की तरफ देख रहे हैं. लेकिन ये फोटो एडिटेड है.
क्लाइमेड एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद से सोशल मीडिया पर इस फोटो को शेयर कर कई दावे किए जा रहे हैं. वहीं दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसानों का आंदोलन अब भी लगातार जारी है.
दावा
जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी के टूलकिट मामले को लेकर किए गए न्यूज सेगमेंट को शेयर करते हुए एक यूजर ने 16 फरवरी को ये फोटो ट्वीट की. इस ट्वीट को रिपोर्ट लिखे जाने तक 1,100 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें असली फोटो मिली, जो ग्रेटा थनबर्ग ने 22 जनवरी, 2019 को ट्वीट की है.
रिवर्स सर्च के जरिए ही हमें वो फोटो भी मिली, जिसे ग्रेटा की फोटो में एडिटिंग के जरिए जोड़ा गया है. फोटो 23 अगस्त, 2017 की है और रायटर्स के फोटोग्राफर Stephanie Hancock ने इसे क्लिक किया था.
फोटो उस रिपोर्ट की है, जिसमें बताया गया है कि मध्य अफ्रीका के कोरोसिग्ना गांव के लोग कैसे जंगल में बने शिविरों में विस्थापित हुए.
ग्रेटा थनबर्ग की ये फोटो पिछले 2 सालों से सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है. इसका इस्तेमाल फोटोशॉप कर कई तरह के मीम बनाने में भी किया गया है. ब्राजीली राष्ट्रपति बोलसोनारो के बेटे Eduardo ने भी सितंबर 2019 में ग्रेटा की ये एडिटेड फोटो शेयर की थी.
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