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CAA प्रोटेस्ट में हिंदुओं को गाली दी गई? जानिए वायरल फोटो का सच  

जानिए वायरल हो रही तस्वीर की हकीकत

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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 19 दिसंबर को दिल्ली में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इस वजह से सरकार ने दिल्ली के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू कर दी और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया. इन प्रदर्शनों के दौरान ली गई एक तस्वीर को एडिट करके सांप्रदायिक नफरत फैलाने के मंसूबे से सोशल मीडिया में सर्कुलेट किया जा रहा है.

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दावा

इंटरनेट पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसमें एक प्रदर्शनकारी हिंदू समुदाय के लिए अपशब्द लिखे तख्ती को लेकर खड़े हुए दिख रहा है. इस तख्ती में लिखा है, "हिंदू च**** ".

सच क्या है?

दावा पूरी तरह गलत है. शेयर की जा रही तस्वीर को यह बताने के लिए एडिट किया गया है कि ये प्रदर्शनकारी हिंदू समुदाय को गाली दे रहा था. लेकिन सच्चाई ये है कि उसने जो पोस्टर हाथ में लिया हुआ था, उसमें लिखा था, "हिंदू हूं, च**** नहीं".
एडिट किए हुए फोटो को फर्जी तरीके से भ्रामक बनाने के लिए पोस्टर को क्रॉप किया गया है.

साफ तौर पर जाहिर है विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को टारगेट करने करने, उन्हें बदनाम करने और विरोध प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए तस्वीर को एडिट किया गया है.

ट्विटर यूजर्स ने प्रदर्शनकारी को निशाने पर लिया

लेकिन फेक न्यूज की फैक्ट्री बस यहीं तक नहीं रुकी. ‘The Bong Head’ नाम के एक ट्विटर यूजर ने अब 'सैयद मोहम्मद यासिर’ नाम के एक अन्य यूजर के ट्विटर प्रोफाइल के साथ इस वायरल फोटो को मिलाकर शेयर किया. .

इस तुलना का मकसद ये साबित करना था कि वायरल फोटो में दिख रहा युवक वास्तव में हिंदू समुदाय से नहीं है. इस ट्वीट को 3,500 से ज्यादा रीट्वीट मिले.

द क्विंट ने इस प्रदर्शनकारी के साथ संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली. हालांकि, प्रदर्शनकारी की तस्वीर और ट्विटर प्रोफाइल में दिख रहे गए युवक की तस्वीर पर गौर से नजर डालने पर ये साफ हो जाता है कि दोनों एक ही व्यक्ति नहीं हैं.

इसके अलावा, ट्विटर यूजर सैयद मोहम्मद यासिर ने खुद ट्वीट किया कि वायरल तस्वीर में दिख रहा प्रदर्शनकारी वो नहीं है.

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