दावा
सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने IMF के एक वेबिनार को संबोधित किया है जो कोरोना वायरस से संबंधित था.
मैसेज में उस वेबिनार से जुड़ी कुछ बातें भी बताई गई हैं. इसमें कहा गया, "भारत ने कोरोना वायरस के कर्व को रोक दिया है, चीन के खिलाफ भावुक और आर्थिक प्रतिक्रिया का अनुमान है, COVID से पहले इकनॉमी की हालत खराब थी, सरकार के पास बड़े प्रोत्साहन पैकेज का स्कोप नहीं है." मैसेज को फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर किया गया है.
इस मैसेज को रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड के सीईओ दर्शन मेहता के हवाले से भी शेयर किया जा रहा है.
क्विंट को उसकी WhatsApp हेल्पलाइन पर इस मैसेज में किए जा रहे दावे को लेकर एक सवाल भेजा गया था.
सच या झूठ?
मैसेज में लिखी बात रघुराम राजन ने नहीं कही थी. एक लिंक्डइन पोस्ट में राजन ने कहा कि उन्होंने ऐसे किसी वेबिनार में हिस्सा नहीं लिया और वायरल मैसेज में किए गए दावे झूठ हैं.
हमें क्या मिला?
हमने IMF की वेबसाइट पर देखा और ऐसा कोई वेबिनार नहीं मिला.
दर्शन मेहता से जुड़ा दावा कितना ठीक?
दर्शन मेहता के एक करीबी सूत्र ने क्विंट को बताया कि मेहता ने 5 अप्रैल को एक वेबिनार में हिस्सा लिया था. ये वेबिनार जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JITO) ने आयोजित कराया था और मेहता इसमें अकेले वक्ता थे.
सूत्र ने कहा, "मिस्टर मेहता को नहीं पता कि वो वेबिनार रिकॉर्ड किया गया है या नहीं. मेहता या JITO ने उनकी स्पीच के दौरान इसका ट्रांसक्रिप्शन नहीं करवाया था. ऐसा लगता है कि वेबिनार में हिस्सा लेने वाले किसी शख्स ने स्पीच के कुछ हिस्सों का ट्रांसक्रिप्शन कर WhatsApp पर फॉरवर्ड कर दिया. फॉरवर्ड किए जा रहे मैसेज का कंटेंट लगभग वही है, जो मेहता ने वेबिनार में कहा था."
फेसबुक पोस्ट के आधार पर मीडियम का आर्टिकल
इसके अलावा दर्शन मेहता के हवाले से वायरल मैसेज के साथ जो मीडियम का आर्टिकल शेयर किया जा रहा है, उसने जानकारी एक फेसबुक पोस्ट से ली है. आर्टिकल की आखिरी लाइन कहती है, "सूत्र के हवाले से मिली जानकारी के आधार पर स्टोरी. "
वेबसाइट पर ऊपर ही डिस्क्लेमर है कि इस पोर्टल पर कोई भी पब्लिश कर सकता है.
"कोई भी मीडियम की पॉलिसी के मुताबिक पब्लिश कर सकता है, लेकिन हम हर स्टोरी को फैक्ट-चेक नहीं करते हैं."
रघुराम राजन के नाम से चल रहा मैसेज गलत है. सूत्र के मुताबिक, दर्शन मेहता के बारे में किए गए दावे लगभग सच हैं.
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