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WhatsApp प्राइवेसी मामले में SC ने बनाई 5 जजों की बेंच

WhatsApp ने 2016 में अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किए थे, जिससे वो यूजर्स की जानकारी फेसबुक को शेयर कर सकता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को WhatsApp प्राइवेसी मामले में सुनवाई के लिए पांच जजों की कंस्टीट्यूशनल बेंच बनाने का फैसला किया है. चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कर्मन्या सिंह सरीन की याचिका पर यह आदेश दिया.

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याचिका में कहा गया है कि WhatsApp ने साल 2016 में अपनी प्राइवेट पॉलिसी में बदलाव किया था, जिसके मुताबिक WhatsApp यूजर्स की सूचनाएं फेसबुक के साथ शेयर कर सकता है. इसमें यूजर्स का फोन नंबर, कॉन्टेक्ट और डेटा भी शामिल है.

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ राहत जरूर दी थी. कोर्ट ने कहा था,

अगर यूजर्स 25.09.16 से पहले WhatsApp अकाउंट डिलीट कर देते हैं तो कंपनी को यूजर्स की जानकारी/डीटेल/डेटा WhatsApp से पूरी तरह डिलीट करनी होगी. इसके अलावा फेसबुक या किसी कंपनी के साथ यूजर्स की जानकारी शेयर नहीं किया जा सकेगा.

सुप्रीम कोर्ट में अब इस बात को चुनौती दी गई है कि 25 सितंबर के बाद डेटा को सुरक्षित नहीं रखा गया है. मामले की सुनवाई अब 18 अप्रैल को होगी.

अदालत ने केंद्र एवं ट्राई को आदेश दिया था कि वह व्हाट्सएप जैसी इंटरनेट मैसेजिंग एप्लीकेशन की कार्य प्रणाली को वैधानिक नियामक ढांचे के तहत लाने के तरीके का पता लगाए. व्हाट्सएप ने पहले उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि जब कोई यूजर अकाउंट डिलीट करता है तो उस व्यक्ति की सूचना उसके सर्वर पर नहीं रहती.

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