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बलूच संघर्ष को झटका, बड़े समूहों के 487 विद्रोहियों ने किया सरेंडर

आजादी के वक्त बलूचिस्तान को चार भागों में बांटकर जबरदस्ती पाक में शामिल करवाया गया था.

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान मे अलग-अलग संगठनों के करीब 487 विद्रोहियों ने सरेंडर कर दिया है. कई सालों में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार विद्रोहियों ने सरेंडर किया है.

बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए), बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), यूनाइटेड बलूच आर्मी और लश्कर-ए-बलूचिस्तान व अन्य अलगाववादी समूहों के आतंकवादियों ने कल पाक आर्मी के सामने एक कार्यक्रम में सरेंडर किया. बलूचिस्तान सरकार ने सरेंडर के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसमें राज्य के मुख्यमंत्री सनाउल्लाह जेहरी और पाक सेना के सीनियर ऑफिसर्स शामिल हुए थे.

इस मौके पर सनाउल्लाह जेहरी ने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों ने लंबे समय से प्रांत के निर्दोष लोगों को गुमराह करके उनका इस्तेमाल किया है. जेहरी के भाई और बेटे की मौत भी विद्रोहियों के हाथों हुई थी.

एक सीनियर अधिकारी के अनुसार हाल में करीब 1500 सरेंडर कर चुके हैं. पाकिस्तान का दावा रहा है कि बलूचिस्तान में अफगानिस्तान एवं ईरान के साथ लगती उसकी सीमाओं का इस्तेमाल देश में खतरनाक गतिविधियों को अंजाम देने के मकसद से होता रहा है.

बलूचिस्तान पाकिस्तान के 4 प्रांतों में से एक है. यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है जो लगभग 44% हिस्से को कवर करता है. इस इलाके की आबादी तकरीबन 1.3 करोड़ है, जो पाक की आबादी का 7% है. बलूचिस्तान को ‘ब्लैक पर्ल’ या ‘काला मोती’ भी कहा जाता है. तेल, गैस, तांबे और सोने जैसी प्राकृतिक संपदाओं की यहां भरमार है.

लेकिन इतने संसाधन होने के बावजूद भी यहां बड़े पैमाने पर भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याएं हैं. आजादी के समय इस प्रदेश को चार भागो में बांटकर जबरदस्ती पाक में शामिल कराया गया था.

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