बलूचिस्तान पर पीएम नरेंद्र मोदी के हालिया रुख के बाद चीन काफी तिलमिलाया मालूम पड़ रहा है. चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में छपे एडिटोरियल से ऐसा साफ जाहिर हो रहा है.
‘ग्लोबल टाइम्स’ में कहा गया है कि सरकार बनाने के तीसरे साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धैर्य खो चुके हैं और कट्टरपंथ की राजनीति की तरफ बढ़ रहे हैं.
अखबार में कश्मीर में आतंकवाद पीड़ितों (पीओके सहित) को बढ़ा हुआ मुआवजा देने संबंधी बात, 15 अगस्त के दिन लालकिले से प्रधानमंत्री द्वारा कश्मीर और बलूचिस्तान के जिक्र को भड़कावे वाली कार्रवाई बताया गया है.
‘कश्मीर मुद्दे से ध्यान बंटाने की कोशिश’
अखबार में पीएम मोदी के कदमों को कश्मीर हिंसा से ध्यान बंटाने के लिए की गई कार्रवाई बताया गया है.
जब बलूचिस्तान में भारत किसी भी तरह की भूमिका से इनकार करता रहा है, तब ऐसे में आखिर मोदी ने सार्वजनिक तौर पर बलूचिस्तान का जिक्र क्यों किया? वहीं कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण करने से बचने वाले भारत ने पाकिस्तान को इस मुद्दे पर चुनौती क्यों दी, जबकि ऐसा करने से दुनिया का ध्यान उसी ओर खिंचने की संभावना है.
रिपोर्ट में दावा किया गया कि ये सारे कदम कश्मीर में जारी तनाव और हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए हैं.
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