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कश्मीर पर फेल होने के बाद पाकिस्तान ने उठाया बाबरी मस्जिद मुद्दा

भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान

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कश्मीर पर मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने से बाज नहीं आ रहा है. कश्मीर के बाद अब पाकिस्तान ने बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाया है.

बाबरी मस्जिद मामले को लेकर पाकिस्तान ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि इस मामले के फैसले में भारतीय मुसलमानों की भावनाओं को ध्यान में रखा जाएगा. पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि नदियों के पानी के प्रवाह को रोकने की भारत की किसी भी कोशिश को वह एक 'आक्रामक कार्रवाई' के रूप में देखेगा.

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पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में गुरुवार को कहा-

बाबरी मस्जिद का मामला बेहद संवेदनशील मामला है. उम्मीद है कि इस मामले में भारतीय मुसलमानों की इच्छाओं के अनुरूप फैसला आएगा. भारतीय अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार मिलना चाहिए.

पीएम मोदी के बयान पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

प्रवक्ता ने कहा कि तीन पश्चिमी नदियों पर पाकिस्तान का 'अखंडित अधिकार' है और इनके पानी के प्रवाह को मोड़ने की किसी भी कोशिश को पाकिस्तान एक 'आक्रामक कार्रवाई' के रूप में देखेगा और उसके पास 'इसका जवाब देने का अधिकार होगा.'

प्रवक्ता ने यह बात भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इन नदियों का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने के लिए दिए गए बयान पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही. प्रवक्ता ने कहा कि नदियों के पानी का बहाव इस मामले पर हुए समझौतों के अनुसार जारी रखा जाना चाहिए.

कश्मीर पर क्या बोला पाकिस्तान?

फैसल ने कश्मीर मुद्दे पर भी बात रखी और कहा, "पांच अगस्त का फैसला (जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को समाप्त करना) भारत को एक बंद गली में ले गया है जहां से उसे वापसी का रास्ता नहीं मिल रहा है. उसकी पीठ दीवार से लग गई है, वह अकेला पड़ गया है और समझ नहीं पा रहा है कि वह इससे बाहर कैसे निकले."

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