अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर जमकर लताड़ लगाई है. अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जनरल मैकमास्टर ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के दोहरे रवैये की निंदा की है.
मैकमास्टर ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दूसरी जगहों पर अपने हितों को जारी रखने के लिए हिंसा में शामिल है. पाकिस्तान को कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए ना कि छद्म रवैया अपनाना चाहिए. बता दें कि पाकिस्तान पर आरोप लगता रहा है वो आतंक को अच्छे-बुरे नजरिए से देखता है और चुनिंदा आतंकी समूहों पर ही कार्रवाई करता है.
पाकिस्तान पर अमेरिका का कड़ा रूख
मैकमास्टर, अफगान चैनल टोलो न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान पर ‘कड़ा रुख' लेते हुए दिखे. पाकिस्तान पर तालिबान को छद्म बल के तौर पर इस्तेमाल करने और तालिबानी नेताओं को शरण देने के आरोप लगते रहते है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, युद्धग्रस्त देश की यात्रा के दौरान मैकमास्टर ने कहा है कि हम सब कई सालों से यह उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तानी नेता समझेंगे कि ऐसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई अपने हित में है.
रिपोर्ट में मैकमास्टर के साथ हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले अफगान अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी समूहों से खतरे को लेकर एक साझा समझ है. खबर में कहा गया है कि इस तरह के दूसरे संकेत भी है कि अमेरिका पाकिस्तान पर अपना रुख कड़ा कर सकता है.
''तुष्टीकरण की नीति काम नहीं करेगी''
अफगान इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के निदेशक दावूद मोरादियन ने कहा कि अफगानिस्तान में कई लोग अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों पर आश्चर्य कर रहे हैं. खासतौर पर इस बात को लेकर कि सब जानते हैं कि तालिबान और दूसरे आतंकी समूहों को समर्थन देने में पाकिस्तान की अहम भूमिका है. उन्होंने कहा कि नया प्रशासन समझ रहा है कि पाकिस्तान के साथ पहले की ‘तुष्टीकरण की नीति' काम नहीं करेगी और इस पर विचार करने की जरूरत है.
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