अमेरिका (US) ने कहा कि वो कोविड वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) भेजने के लिए भारत सरकार (Indian Govt) की मंजूरी का इंतजार कर रहा है. विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने 13 जुलाई को कहा कि भारत सरकार से हरी झंडी मिलने पर अमेरिका वैक्सीन को तेजी से भेजने के लिए तैयार है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा है कि इमरजेंसी वैक्सीन इंपोर्ट की अनुमति के संबंध में कानूनी प्रावधानों की समीक्षा करने के लिए उसे और समय चाहिए.
जो बाइडेन प्रशासन ने भारत सहित विदेशों के साथ, अपने घरेलू स्टॉक से 80 मिलियन वैक्सीन डोज शेयर करने का दावा किया है. हाल के हफ्तों में, अमेरिका से वैक्सीन के 40 मिलियन से ज्यादा डोज पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सहित अन्य देशों तक पहुंच चुके हैं.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइस ने कहा, "इससे पहले कि हम उन खुराक को शिप कर सकें, हर देश को अपनी ऑपरेशनल, रेगुलेटरी और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा, जो हर देश के लिए अलग-अलग हैं."
उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रियाओं के पूरा होने पर अमेरिकी वैक्सीन की खुराक "तेजी से" भारत पहुंच जाएगी. प्राइस ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच कोविड सहयोग, हेल्थ और बायोमेडिकल रिसर्च में दशकों की सफल साझेदारी पर बना है.
कोविड महामारी में भारत-अमेरिका साझेदारी
प्राइस ने कहा, "हम संक्रामक बीमारी के प्रकोप से निपटने से लेकर हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने से लेकर ग्लोबल सप्लाई चेन को सुरक्षित करने तक के मुद्दों पर कोविड की वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए साझेदारी कर रहे हैं."
दोनों देश वर्तमान में संक्रामक बीमारियों पर केंद्रित इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रिसर्च की साझेदारी में शामिल हैं, जिसमें कोविड और दूसरे उभरते खतरे शामिल हैं.
दोनों देश आगे चलकर इस बीमारी से निपटने और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कोविड से संबंधित इलाज और टीकों पर काम कर रहे हैं.
प्राइस ने कहा, "हम ऐसा करने में सक्षम हैं क्योंकि भारत का फार्मास्युटिकल क्षेत्र मजबूत है, ये अच्छी तरह से स्थापित है, इसने कुछ समय में वैश्विक उपयोग के लिए टीकों के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाई है. हमें खुशी है कि अमेरिकी दवा कंपनियां भारतीय समकक्षों के साथ कोऑर्डिनेट कर रही हैं."
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