सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार आरिफ अल्वी ने मंगलवार को देश के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया. इमरान खान ने अपनी और अल्वी की पुरानी तस्वीर शेयर कर उन्हें बधाई दी है.
तीन उम्मीदवारों ने देश के 13वें राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव लड़ा था. अल्वी के अलावा, पीएमएल-एन के समर्थन के साथ मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) के अध्यक्ष फजलुर रहमान और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता एतजाज अहसान भी चुनाव मैदान में थे.
इमरान की पार्टी के शुरुआती साथी हैं आरिफ अल्वी
स्कूल के दिनों से ही आरिफ उर रहमान अल्वी राजनीति में खास दिलचस्पी लेते थे. 'डेंटिस्ट' आरिफ अल्वी कॉलेज के दिनों में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल होते रहे. 1979 में उन्होंने बतौर फुलटाइम नेता सियासत में एंट्री की. साल 1996 में उन्होंने इमरान खान की पार्टी पीटीआई का दामन थाम लिया और चुनावी मैदान में उतरे. कुछ ही समय बाद उन्हें पीटीआई का सिंध प्रांत का अध्यक्ष बना दिया गया. बाद में वो पार्टी में महासचिव भी बने.
अल्वी ने पाकिस्तान में 1997 और 2002 को आम चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत न सके. 69 साल के अल्वी को 2013 में पहली जीत मिली.
क्या कहते हैं आंकड़े?
अनऑफिशियल नतीजों के हवाले से डॉन न्यूज ने बताया कि नेशनल असेंबली और सीनेट में पड़े कुल 430 वोट में से अलवी को 212 वोट मिले, रहमान को 131 और अहसन को 81 वोट मिले. 6 वोट खारिज कर दिये गये.
अखबार के मुताबिक, बलूचिस्तान के सांसदों के डाले गये 60 वोट में से अलवी को 45 वोट मिले. पीपीपी के प्रभाव वाले सिंध विधानसभा में अहसन को 100 वोट मिले, जबकि अल्वी को 56 वोट से संतोष करना पड़ा. रहमान के पक्ष में केवल एक वोट पड़ा. खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में अल्वी को कुल 109 में से 78 वोट मिले.
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