आरिफ अल्वी रविवार को पाकिस्तान के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक सदस्यों में से एक अल्वी को 4 सितंबर को राष्ट्रपति चुना गया था. उनके पहले के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद शनिवार को राष्ट्रपति भवन छोड़ दिया.
‘‘मैंने पाकिस्तान के नागरिकों की तरफ से दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मैं कार्यकाल से संतुष्ट हूं.”ममनून हुसैन, पूर्व राष्ट्रपति, पाकिस्तान
डेंटल डॉक्टर रह चुके 69 साल के अल्वी ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशी एतजाज अहसन और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन प्रत्याशी मौलाना फजल उर रहमान को चुनाव में शिकस्त दी थी. अल्वी 2006 से 2013 तक पीटीआई के महासचिव रहे थे.
वह 25 जुलाई को हुए चुनाव के दौरान एनए-247 (कराची) से नेशनल एसेंबली का चुनाव जीते थे. वह 2013 के आम चुनाव में नेशनल एसेंबली के सदस्य के रूप में चुने गये थे.
इमरान की पार्टी के शुरुआती साथी हैं आरिफ अल्वी
स्कूल के दिनों से ही आरिफ उर रहमान अल्वी राजनीति में खास दिलचस्पी लेते थे. 'डेंटिस्ट' आरिफ अल्वी कॉलेज के दिनों में तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल होते रहे. 1979 में उन्होंने बतौर फुलटाइम नेता सियासत में एंट्री की. साल 1996 में उन्होंने इमरान खान की पार्टी पीटीआई का दामन थाम लिया और चुनावी मैदान में उतरे. कुछ ही समय बाद उन्हें पीटीआई का सिंध प्रांत का अध्यक्ष बना दिया गया. बाद में वो पार्टी में महासचिव भी बने.
अल्वी ने पाकिस्तान में 1997 और 2002 को आम चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत न सके. 69 साल के अल्वी को 2013 में पहली जीत मिली.
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