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भारत ने चीन से कहा- अजहर पर बैन भारत-पाक नहीं वैश्विक आतंक का मसला

अमेरिका की तरफ से 19 जनवरी सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 14 ने सहमति जताई थी सिर्फ चीन ने इसका विरोध किया था.

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पठानकोट आतंकी हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को यूनाइटेड नेशंस की बैन लिस्ट में शामिल करने के मुद्दे को ले कर भारत ने कड़ा रूख अपनाया है.

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा- यह प्रपोजल भारत ने पेश नहीं किया है, बल्कि सुरक्षा परिषद काउंसिल के तीन परमानेंट मेंबर्स अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से आया काउंटर टेररिज्म प्रपोजल है.

भारत ने चीन से कहा है कि वह टेरर ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को बैन करने के अमेरिकी प्रपोजल का सपोर्ट करे.

भारत ने चीन के खिलाफ ‘डेमार्श’ जारी किया है. ‘डेमार्श’ एक कूटनीतिक कदम है जिसे विरोध दर्ज कराने के लिए जारी किया जाता है.
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अमेरिका की तरफ से 19 जनवरी को लाए गए इस प्रपोजल पर सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 14 ने सहमति जताई थी जबकि चीन ने इसका विरोध किया था. चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि इस पर आम सहमति नहीं है.

स्वरुप ने कहा कि 'हम इसे भारत और पाकिस्तान के बीच के द्विपक्षीय मसले के रूप में नहीं देखते. यह वैश्विक आतंकवाद से जुड़ा मामला है. हमें उम्मीद है कि चीन इसे समझेगा.’

अमेरिका के लाए प्रपोजल से मसूद अजहर पर बैन लगाने की चर्चाएं फिर शुरू हो गई है.

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