प्लास्टिक के बढ़ते इस्तेमाल और गंभीर होते पाॅल्यूशन के खतरे से बचने के लिए ब्रिटेन सरकार एक डिपोजिट स्कीम शुरू करने जा रही है. इसके तहत पाॅल्यूशन से निपटने के लिये प्लास्टिक की बोतलों पर कस्टमर्स से पैसे वसूले जाएंगे.
ब्रिटेन पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि सरकार इंग्लैंड में बेची जाने वाली प्लास्टिक, लीड और मेटल की एक बार इस्तेमाल होने वाली बेवरेज की बोतलों पर एक्स्ट्रा पैसे लगाएगी. इस कदम का मकसद ब्रिटेन में पैदा होने वाले कचरे को कम करना है. साथ ही इसके जरिये वहां सालाना इस्तेमाल होने वाली 13 अरब प्लास्टिक की बोतलों में भी कटौती करना है.
क्या है डिपोजिट स्कीम?
डिपोजिट स्कीम के तहत बेवरेज या ड्रिंक के प्लास्टिक बोतल खरीदने पर एक्स्ट्रा शुल्क लगाया जाता है. खाली बोतल जमा करने पर वो राशि लौटा दी जाती है.
किन-किन देशों में लागू?
ब्रिटेन में शुरू की जाने वाली डिपोजिट स्कीम कैसे काम करेगी, इस पर विचार किया जाएगा. हालांकि, इसी तरह की स्कीम डेनमार्क, स्वीडन और जर्मनी में भी है. वहां 22 पेंस, 25 यूरो सेंट तक शुल्क लगाया जाता है और खाली बोतल जमा करने पर वो राशि लौटा दी जाती है.
ये स्कीम 38 देशों में लागू है.
ब्रिटेन में शुरुआत
ब्रिटेन पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, ये कदम 2015 में ज्यादातर दुकानों में प्लास्टिक बैग पर 5 पेंस शुल्क लगाए जाने के बाद उठाया जा रहा है. सरकार का कहना है कि इस कदम से प्लास्टिक बैग की संख्या में 9 अरब तक कमी आई है.
पर्यावरण मंत्री माइकल गोव ने कहा, ‘‘ इस खतरे से निपटने और हर दिन लाखों प्लास्टिक के बोतल जिनकी रिसाइकलिंग नहीं हो पाती है उनपर लगाम लगाने के लिये अभी कार्रवाई करना बेहद जरूरी है.''
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने समुद्र को साफ रखने के लिये प्लास्टिक की बोतलों को लेकर कार्रवाई करना चाहते हैं.''
प्रधानमंत्री के प्रवक्ता के मुताबिक ब्रिटेन के अगले महीने होने वाले राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के दौरान एजेंडा में प्लास्टिक से होने वाले पाॅल्यूशन को भी रखने की उम्मीद है.
(इनपुट भाषा से)
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