भारत सरकार और केयर्न एनर्जी ( Keyarn Energy ) के बीच लंबे अरसे से चल रहा विवाद अब थमता नजर आ रहा है. ब्रिटेन (Britain) की दिग्गज कंपनी केयर्न एनर्जी ने कल घोषणा की है कि उसने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे कई देशों में भारत सरकार की संपत्तियों को जब्त करने के लिए मुकदमे किए हुए हैं, वो वापस लिए जाएंगे.
यहां तक कि वेदांता लिमिटेड ने भी सिंगापुर में दर्ज किया मुकदमा वापस लेने की बात कही है. वेदांता ने 2011 में केयर्न एनर्जी की भारतीय यूनिट केयर्न इंडिया को खरीदा था.
अब केयर्न एनर्जी का कहना है कि वह रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में भारत सरकार की 1 अरब डॉलर के ऑफर को मंजूर करता है.
दिसंबर 2020 में इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाया था और भारत सरकार से केयर्न एनर्जी को ब्याज समेत 1.2 अरब डॉलर वापस करने के लिए कहा था, फिर ये पैसे लेने के लिए कंपनी ने कई देशों की आदलतों का रुख भी किया था.
साथ ही भारत सरकार और एयर इंडिया की करीब 70 अरब डॉलर संपत्ति की पहचान भी की थी. तब कंपनी का कहना था कि अगर भारत सरकार पैसे नहीं लौटाती तो इन संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा.
भारत सरकार और केयर्न एनर्जी के बीच विवाद क्या है?
2007 में केयर्न एनर्जी ने अपनी भारतीय यूनिट केयर्न इंडिया को भारत में लिस्ट कराया था, फिर 2011 में कंपनी ने 10 फीसदी शेयर्स को अपने पास रख कर बाकि हिस्सेदारी वेदांता लिमिटेड को बेच दी थी.
इस खरीद-बिक्री में केयर्न को जो फायदा (केपिटल गेन्स) पहुंचा उस पर लगने वाले टैक्स की मांग आयकर विभाग ने 2015 में की. कुल टैक्स की रकम 10,247 करोड़ रुपयों की थी.
दरअसल 2012 में भारत सरकार ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लागू कर दिया था. कंपनी ने इसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में 2015 में अपील की थी. तब से ही भारत सरकार और केयर्न इंडिया के बीच तनातनी बढ़ती चली गई.
आसान भाषा समझिए क्या है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स?
रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स वह टैक्स है, जो पुराने मामलों को लेकर भी वसूला जा सकता है. जैसे मान लीजिए कि कोई आज अपराध करता है और अगर उस अपराध पर रेट्रोस्पेक्टिव कानून अगले दिन बनता है तो पहले किए गए हर उस अपराध की सजा भी इस नए कानून के तहत दी जाएगी. वैसे ही 2012 में लागू किया गया रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून के तहत पहले जिन मामलों पर टैक्स नहीं लगता था उन पर भी वो सरकार ने 2012 के बाद वसूला.
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