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Taiwan-China फिर आमने-सामने,बौखलाए चीन ने ताइवान बॉर्डर पर शुरू किया युद्धाभ्यास

China-Taiwan Conflict: बुधवार, 5 अप्रैल को त्साई इंग-वेन ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी स्पीकर से मुलाकात की थी.

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चीन और ताइवान (China-Taiwan Tension) के बीच टेंशन एक बार फिर बढ़ती दिख रही है. चीन ने ताइवानी सीमाओं के आस-पास अपना तीन दिवसीय युद्धाभ्यास का ऐलान किया है. चीन ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि वह ताइवान में तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास शुरू कर रहा है. इसके लिए चीन ने ताइवान बॉर्डर पर युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात किए हैं.

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क्यों बौखलाया चीन?

चीन ने सैन्य अभ्यास का ऐलान ऐसे समय में किया है जब ताइवान की राष्ट्रपति हाल ही में अमेरिका के दौरे से लौटी हैं. ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Tsai Ing-Wen) की अमेरिकी यात्रा को लेकर चीन भड़का हुआ. चीन के सैन्य अभ्यास के पीछे इसी को मुख्य वजह माना जा रहा है.

बुधवार, 5 अप्रैल को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कैलिफोर्निया में अमेरिका के प्रतिनिधि सभा के स्पीकर केविन मैककार्थी से मुलाकात की थी. यह पहला मौका था जब ताइवान के किसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी धरती पर यूएस हाउस के स्पीकर से मुलाकात की थी.

त्साई ने मैककार्थी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था, "यह कोई रहस्य नहीं है कि आज हमने जो शांति बनाए रखी है और जिस लोकतंत्र को बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, वह अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है."

"ताइवान और अमेरिका के लोगों के बीच दोस्ती दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है. यह आर्थिक स्वतंत्रता, शांति और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी है.
केविन मैककार्थी

चीन ने चेतावनी दी थी कि अगर ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन, अमेरिकी स्पीकर से मिलीं तो ठीक नहीं होगा. वहीं, बाइडेन प्रशासन ने कहा कि त्साई की यात्रा के बारे में कुछ भी भड़कने जैसा नहीं है. अब उसके सैन्य अभ्यास को अमेरिका के साथ ताइवान की नजदिकियों का नेतीजा बताया जा रहा है.

चीन ने तैनात किए युद्धपोत और लड़ाकू विमान

ताइवान की मीडिया ने चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ईस्टर्न थिएटर कमांड ताइवान स्ट्रेट और ताइवान के उत्तर, दक्षिण और पूर्वी हवाई क्षेत्र में 'युद्ध की तैयारियों' के लिए 'यूनिफाइड शॉर्ड' एक्सरसाइज करेगी. ये युद्धाभ्यास 8 से 10 अप्रैल तक चलेगा.

चीन की सेना ने ताइवान के चारों तरफ 13 चाइनीज एयरक्राफ्ट और 3 युद्धपोतों की तैनाती कर दी है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है.

माना जा रहा है कि चीन इस अभ्यास के जरिए ताइवान को अपनी सैन्य ताकत दिखाने के साथ ही फिर से युद्ध की चेतावनी देना चाहता है. बता दें कि इससे पहले अगस्त में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद भी चीन भड़क गया था. पेलोसी के दौरे के बाद भी चीन ने सैन्य अभ्यास किया था.

अमेरिका संस्थाओं पर भी प्रतिबंधन

त्साई इंग-वेन के अमेरिका दौरे से चीन इस कदर गुस्से में है कि उसने अमेरिका की दो संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. चीन ने शुक्रवार को 'हडसन इंस्टीट्यूट' (Hudson Institute) और 'रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी' (Ronald Reagan Presidential Library) पर प्रतिबंध लगा दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि,

"हडसन इंस्टीट्यूट और रीगन लाइब्रेरी ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान किया है, जो चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को गंभीर रूप से कमजोर करता है."

बता दें कि बुधवार को रोनाल्ड रीगन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी में त्साई और अमेरिकी स्पीकर के बीच बैठक हुई थी. वहीं पिछले हफ्ते, हडसन इंस्टीट्यूट ने न्यूयॉर्क शहर में त्साई को वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार प्रदान किया था.

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ताइवान को लेकर विवाद क्यों?

चीन मानता है कि ताइवान उसका एक प्रांत है, जो अंतत: एक दिन फिर से चीन का हिस्सा बन जाएगा. दूसरी ओर, ताइवान खुद को एक आजाद मुल्क मानता है. उसका अपना संविधान है और वहां लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार का शासन है. ताइवान दक्षिण पूर्वी चीन के तट से करीब 100 मील दूर स्थित एक द्वीप है. यह ''पहली द्वीप शृंखला'' में मौजूद है, जिसमें अमेरिका समर्थक कई देश स्थित हैं.

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