चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास एक दर्जन से अधिक खिताब हैं. गिनती के तौर पर देखें तो वो राष्ट्रपति हैं, कम्युनिस्ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष हैं. वो ताइवान और इंटरनेट सुरक्षा के मुद्दों पर काम करने वाले ग्रुप को लीड करते हैं. उन्हें पार्टी के “कोर लीडर” के रूप में भी सम्मानित किया गया है.
न्यूयाॅर्क टाइम्स की मानें तो ऐसे में अब उन्हें ‘चेयरमैन आॅफ एवरिथिंग’ भी कहा जाना चाहिए. या यूं कहें कि एक और खिताब ‘चेयरमैन आॅफ एवरिथिंग’ उनके नाम के साथ जुड़ गया है. शी को मिले इतने सारे पद बताते हैं कि वो चीन के सबसे प्रभावशाली माॅडर्न नेताओं में से एक हैं.
बुधवार को, उन्हें दूसरी बार कम्युनिस्ट पार्टी का जनरल सेक्रेटरी चुना गया. नया उत्तराधिकारी घोषित किए बिना उन्होंने अपनी नई नेतृत्व टीम की शुरुआत की. अटकलें लगाई जा रही हैं कि दूसरे कार्यकाल के बाद भी वो शासन जारी रखना चाहते हैं.
लेकिन जिनपिंग को मिले इतने सारे पद और खिताब के क्या मायने हैं? आइए जानते हैं.
पार्टी का केंद्र
शी के पास सबसे अहम खिताब है जनरल सेक्रेटरी का, जो कम्युनिस्ट पार्टी का सबसे ताकतवर पद है. चीन के वन-पार्टी सिस्टम में, इस रैंकिंग से उन्हें सरकार पर लगभग अनियंत्रित अधिकार मिल गए हैं.
उन्होंने जनरल सेक्रेटरी के तौर पर अपनी इस पावर का इस्तेमाल भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अभियान चलाने के लिए किया है, स्कूलों में वैचारिक एकरूपता को लागू करने के लिए किया है और कई एक्टिविस्ट को कैद करने के लिए किया है. लेकिन शी के लिए “जनरल सेक्रेटरी” का पद इसलिए काफी नहीं हो सकता क्योंकि, वो मानते हैं कि उनकी गिनती चीन के महानतम नेताओं के साथ की जाए.
कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि जिनपिंग, कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन के पद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर सकते हैं.
शी के पास पहले से ही “Guojia zhuxi” का पद है, जिसका अनुवाद “राज्य अध्यक्ष” के रूप में किया जा सकता है. 1982 से, हालांकि सरकार ने इसका “राष्ट्रपति” के रूप में अंग्रेजी में अनुवाद कर दिया. कुछ आलोचकों का कहना है कि चीन ने ये अनुवाद दूसरे माॅडर्न देशों की तरह दिखने के लिए अपनाया.
मिलिट्री कंट्रोल
शी को मिले आधिकारिक पदों में से कई, सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं. ये कम्युनिस्ट पार्टी के पावर के एक अहम स्तंभ पर अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए उनकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है. शी, अपने पूर्ववर्तियों की तरह, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन हैं, जो देश की सशस्त्र बलों की देखरेख करता है.
वो राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग सहित कई संस्थाओं का नेतृत्व भी करते हैं, जिसके पास घरेलू और विदेश नीति से जुड़े मसले पर फैसले लेने सहित कई पावर हैं. वो एकीकृत सैन्य और नागरिक विकास के लिए बने केंद्रीय आयोग के भी अध्यक्ष हैं जो सैन्य और नागरिक शोध और विकास के बीच बैरियर को तोड़ने की कोशिश करता है.
शी कई बार दिखा चुके हैं कि वो देश में एक आधुनिक सैन्य बल के निर्माण को लेकर गंभीर हैं जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दूसरे प्रमुख देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता हो.
पाॅलिसी मेकर
चीन के विशाल नौकरशाही में शी का दबदबा हर जगह है. उन्होंने कई “लीडिंग ग्रुप्स” बनाए हैं, जिसे वो लीड करते हैं. इसमें ताइवान के साथ वित्त, साइबर सुरक्षा और संबंधों सहित कई क्षेत्रों में बनाई गई पाॅलिसी को बढ़ावा दिया जाता है. हालांकि, दूसरी एजेंसियां भी इन क्षेत्रों में फैसले लेती हैं, लेकिन लीडिंग ग्रुप्स में पाॅलिसी बनाने के केंद्र में शी ही हैं.
कॉन्फ्रेंस बोर्ड के एक रिसर्चर और चीनी राजनीति की स्टडी करने वाले जूद ब्लैंकेट कहते हैं कि जाहिर है, शी मानते हैं कि सिर्फ जनरल सेक्रेटरी का पद उन्हें इतना पावर नहीं दिला सकता ताकि वो अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ सकें.
नए और आधिकारिक खिताबों, पदों का मिलना सिस्टम के अंदर शी जिनपिंग के वैधता का स्तर दिखाता है.जूद ब्लैंकेट
कोर लीडर
शी ने साफ किया है कि वो खुद को एक परिवर्तनकारी व्यक्तित्व मानते हैं जो चीन और पार्टी को एक नए युग में ले जाएगा. कम्युनिस्ट पार्टी ने भी आदर दिखाते हुए पिछले साल उन्हें चीन के “कोर लीडर” (प्रमुख नेता) बताया था. इस खिताब ने उन्हें माओ, देंग जियाओपिंग और जियांग जेमिन जैसे नेताओं की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया. हालांकि इस पद से कोई विशेष अधिकार तो नहीं मिलते, लेकिन इससे एक संदेश जरूर मिला कि शी को चुनौती नहीं दी जा सकती.
इसे जारी रखते हुए इस हफ्ते पार्टी कांग्रेस में, अधिकारियों ने अपनी भक्ति दिखाते हुए उनकी तारीफ में उन्हें “हेल्म्समैन” कहा. ये नाम माओ के मशहूर निकनेम, “ग्रेट हेल्म्समैन” की याद दिलाता है.
फिलहाल की स्थिति देखकर अंदाजा लगता है कि शी के दूसरे कार्यकाल में भी खिताबों के मिलने का सिलसिला जारी रखे जाने की पूरी संभावना है.
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