दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश चीन इन दिनों बहुत परेशान है. चीन के सामने एक बड़ी दिक्कत आन पड़ी है, दरअसल पिछले 70 सालों में पहली बार चीन की जनसंख्या घट गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे चीन की धीमी पड़ चुकी अर्थव्यवस्था को एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. इसे चीन के ऊपर एक ‘जनसांख्यिकीय संकट’ के तौर पर देखा जा रहा है.
करीब 1 करोड़ 40 लाख की जनसंख्या के साथ दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश चीन है. चीन में कई सालों तक कपल को एक ही बच्चा पैदा करने की अनुमति थी ताकि उनकी जनसंख्या वृद्धि स्थिर रहे. लेकिन 2016 में चीन ने बुजुर्ग आबादी के बढ़ने से कम होते वर्कफोर्स को देखते हुए कपल्स को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी थी.
अमेरिका के रहने वाले रिसर्चर और विद्वान यी फुक्शियन का कहना है कि साल 2018 में पूरे देशभर में बर्थरेट 25 लाख प्रति साल कम हुआ है जबकि इससे पहले हर साल चीन में करीब 790,000 बच्चे पैदा होने की उम्मीद रहती है. 1979 में चीन में ‘एक-बच्चा पॉलिसी’ लागू की गई जिसके बाद वहां बर्थ रेट तेजी से गिरा था और जनसंख्या पर कंट्रोल हो पाया था. उसके बाद चीन में बूढों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी और वर्क फोर्स के लिए युवा कम पड़ने लगे तो साल 2016 में चीन की सरकार ने लोगों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी. लेकिन, अब वहां के लोग अब दो बच्चे पैदा करने के इच्छुक ही नहीं हैं. शिक्षा, मेडिकल और अन्य घर के खर्चों को देखते हुए लोग एक ही बच्चा पैदा करते हैं और उसकी अच्छी परवरिश पर ध्यान देते हैं.
रिसर्चर यी फुक्शियन का मानना है कि घटती आबादी के इस ट्रेंड को अब शायद बदला ना जा सके. ऐसा इसलिए कि चीन में बच्चा पैदा करने के लिए उपयुक्त उम्र की महिलाओं की संख्या में कमी आई है.
2018 में 12.70 लाख घटी चीन की जनसंख्या
यी फुक्शियन ने जो आंकड़े दिए हैं उसके मुताबिक साल 2018 में चीन में 1.15 करोड़ लोगों की मौत दर्ज की गई और पिछले साल उनकी आबादी 12.70 लाख घट गई. 1949 में न्यू चीन बनने के बाद ये पहली बार है जब इस देश की आबादी किसी साल घटी हो.
रिसर्चर यी फुक्शियन ने चीन की सरकार को आगाह किया है कि वो दो बच्चे पैदा करने वाली पॉलिसी को भी खत्म करे और लोगों के बैडरूम से बाहर निकले. ‘टू-चाइल्ड पॉलिसी’ को छोड़कर उन्हें अच्छी मैटरनिटी लीव और पैरेंट्स के लिए टैक्स ब्रेक जैसे कदम उठाने चाहिए. यी फुक्शियन का मानना है कि अगर अभी भी सरकार नहीं संभली तो चीन की बुजुर्ग आबादी वाली समस्या जापान से भी ज्यादा खतरनाक हो जाएगी और देश की अर्थव्यवस्था गिरती चली जाएगी. देश में बुढे लोगों की आबादी बढ़ने से पेंशन और हेल्थकेयर सिस्टम पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. यी फुक्शियन का मानना है कि अमेरिका की इकॉनमी को चीन नहीं बल्कि भारत टेकओवर करेगा क्योंकि उनके पास ज्यादा युवा जनसंख्या है.
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