दुनियाभर में फैले नोवेल कोरोना वायरस संकट के बीच कुछ ऐसे भी देश हैं, जिनमें आधिकारिक तौर पर COVID-19 का एक भी कन्फर्म केस सामने नहीं आया है. हालांकि इनमें से कुछ देश ऐसे हैं, जिनमें COVID-19 का कोई मामला न होने के दावे पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं.
इन देशों में आधिकारिक तौर पर COVID-19 का कोई मामला नहीं
- कॉमरोस
- किरीबाटी
- लेसोथो
- मार्शल आईलैंड्स
- माइक्रोनेशिया
- नाउरू
- उत्तर कोरिया
- पलाऊ
- समोआ
- सोलोमन आइलैंड्स
- ताजिकिस्तान
- टोंगा
- तुर्कमेनिस्तान
- तुवालू
- वनुआटू
इन देशों को लेकर उठ रहे सवाल
ऊपर दिए गए देशों में उत्तर कोरिया, तुर्कमेनिस्तान और ताजिकिस्तान जैसे देशों में अब तक COVID-19 का कोई केस न मिलने के दावे पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
उत्तर कोरिया में सेंट्रल एंटी-एपिडेमिक मुख्यालय के निदेशक पाक म्योंग-सू ने हाल ही में कहा था, ''हमने संक्रमण रोकने के लिए पहले से ही सक्रिय और वैज्ञानिक कदम उठाए हैं- जैसे विदेश से आए लोगों का इन्स्पेक्शन करना और उन्हें क्वारंटीन में रखना. हमने सामानों को पूरी तरह सैनिटाइज किया और अपनी सीमाओं को बंद किया."
हालांकि दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सेना के कमांडर जनरल रॉबर्ट अबराम्स ने पिछले दिनों उत्तर कोरिया के दावों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने सीएनए और वॉइस ऑफ अमेरिका को संयुक्त रूप से दिए इंटरव्यू में कहा था, “हमें जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से मैं आपको बता सकता हूं कि ये नामुमकिन दावा है.”
बीबीसी के मुताबिक, सियोल स्थित कूकमिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता फ्योडोर टेरटिटिस्की का मानना है कि संक्रमण के मामले छिपाकर उत्तर कोरिया अपनी इमेज बचाने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कहा,
“उत्तर कोरिया ऐसी कोई जानकारी नहीं देना चाहता जिससे उसकी छवि खराब हो. उसका बुनियादी नियम ये है कि तब तक कुछ मत कहो, जब तक बोलने की कोई अच्छी वजह आपके पास ना हो.”फ्योडोर टेरटिटिस्की, कूकमिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर कोरिया का स्वास्थ्य तंत्र 'उसके जितनी पर कैपिटा जीपीडी वाले कई बाकी देशों से कहीं बेहतर है.'
बात तुर्कमेनिस्तान की करें तो इस देश को लेकर द डिप्लोमैट के एक आर्टिकल में लिखा गया है, ''तुर्कमेनिस्तान दुनिया के सबसे ज्यादा आइसोलेटेड देशों में से एक है. यहां की सरकार सबसे ज्यादा दमनकारी सरकारों में से एक है.''
बीबीसी के मुताबिक, तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबाट में रहने वाले एक शख्स ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, ''मेरी जान-पहचान का एक शख्स सरकारी एजेंसी में काम करता है. उसने बताया कि मुझे इस बारे में बोलने से सख्ती के साथ मना किया गया है कि यहां वायरस फैला है या मैंने इसके बारे में सुना है, नहीं तो मैं मुसीबत में आ सकता हूं.''
मीडिया को आजादी के मामले में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर कोरिया और ताजिकिस्तान के फिसड्डी होने को लेकर भी इन देशों के दावों पर सवाल उठ रहे हैं.
रिपोटर्स विदआउट बॉर्डर्स के 'प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2019' में तुर्कमेनिस्तान 180वें पायदान (सबसे नीचे), उत्तर कोरिया 179वें पायदान और ताजिकिस्तान 161वें पायदान पर रहा.
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