क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. एक कनाडाई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में निवेशकों के करीब 1800 करोड़ रुपये फंस गए हैं. क्वाड्रिगा सीएक्स नाम की इस कंपनी का कहना है कि फंड के जरूरी पासवर्ड सिर्फ उसके सीईओ को ही पता थे, जिनकी मौत हो गई है.
इस कंपनी की मुसीबतें उस समय बढ़ गईं, जब उसके कुछ निवेशकों ने सीईओ की मौत की बात पर ही सवालिया निशान लगा दिए.
क्वाड्रिगा सीएक्स का कहना है कि उसके 30 वर्षीय सीईओ गेराल्ड कॉटन भारत गए थे, इसी दौरान आंत संबंधी बीमारी के चलते (9 दिसंबर 2018 को) उनकी अचानक उनकी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि मृतक सीईओ की पत्नी को भी क्रिप्टोकरंसी फंड के पासवर्ड के बारे में पता नहीं है.
सिर्फ कंपनी CEO के पास ही था क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंचने का पासवर्ड
जयपुर में रहस्यमय परिस्थितियों में हुई अचानक मौत से करीब 1,800 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी डूब सकती है. ये चौंकाने वाला मामला दो शब्दों में सिमटा हुआ है- रियल और वर्चुअल. इस कहानी के तार दो देशों भारत और कनाडा के बीच जुड़े हैं.
इस कहानी के मुख्य किरदार गेराल्ड विलियम कॉटन, एक स्टार्टअप कंपनी के संस्थापक थे. ये कंपनी क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल या वर्चुअल करेंसी) में डील करती है. ऐसा माना जाता है कि यह बेहद सुरक्षित है और इसे रिजर्व बैंक जैसे किसी भी सेंट्रल सिस्टम से कंट्रोल नहीं किया जाता है. यानी कि वर्चुअल करेंसी के तौर पर मौजूद पूरा फंड सिर्फ पासवर्ड से ही प्रोटेक्ट होता है.
गेराल्ड की कंपनी के पासवर्ड भी सिर्फ उसके ही पास थे. ऐसे में उसकी मौत के साथ ही वो पासवर्ड भी चले गए हैं, जिनसे करीब 1,800 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी को मैनेज किया जा सकता था. लेकिन अब पासवर्ड न होने की स्थिति में इस वर्चुअल करेंसी तक कभी नहीं पहुंचा जा सकेगा.
गेराल्ड विलियम कॉटन ने दिसंबर 2013 में एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्वाड्रिगा सीएक्स लॉन्च किया था, जहां लोग वास्तविक पैसे का इस्तेमाल करके डिजिटल करेंसी में ट्रेड कर सकते थे.
सोशल मीडिया पर दिख रही निवेशकों की नाराजगी
क्वाड्रिगा सीएक्स के ऑफलाइन होने के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स, रेडिट और ट्विटर पर निवेशकों की नाराजगी देखने को मिलने लगी. कुछ निवेशकों ने सवाल उठाए कि क्या वास्तव में गेराल्ड कॉटन की मौत हुई है या फिर उन्होंने अपनी मौत का नाटक रचा है.
निवेशकों ने आशंका जताई है कि कहीं यह धोखाधड़ी का मामला तो नहीं है. कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि जब गेराल्ड को आंत संबंधी बीमारी थी तो वह भारत क्यों गए, जहां कि पीने के पानी की गंभीर समस्या है.
गेराल्ड कॉटन की पत्नी ने कही ये बात
एक हलफनामे में गेराल्ड कॉटन की पत्नी जेनिफर केएम रॉबर्टसन ने लिखा है कि उनके पति एनक्रिप्टेड लैपटॉप से बिजनेस चलाते थे. उन्होंने लिखा, ''वह (गेराल्ड कॉटन) ज्यादातर घर से बाहर ही काम करते थे.'' हलफनामे में आगे लिखा गया है, ''मिसेज रॉबर्टसन को पासवर्ड या रिकवरी की के बारे में नहीं पता और काफी खोजने के बाद भी उन्हें ये कहीं लिखे हुए भी नहीं मिले हैं.''
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