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अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजने की तैयारी में क्यों हैं ट्रंप

मैं जिस निर्देश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, वो अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर फिर से फोकस करने में मदद करेगा: ट्रंप

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को एक बार फिर से चंद्रमा और फिर मंगल पर भेजने की तैयारी में हैं. ट्रंप ने व्हाइट हाउस के साइनिंग प्रोग्राम के दौरान इस नई योजना के बारे में बताया. उन्होंने नासा के कार्यवाहक प्रशासक रॉबर्ट एम. लाइटफुट जूनियर को इस नए स्पेस प्रोग्राम की जिम्मेदारी सौंपी है.

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CNN के मुताबिक, अपोलो-17 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैरिसन श्मिट समेत रिटायर्ड अंतरिक्ष यात्रियों और उपराष्ट्रपति के साथ हुई बैठक में इस पर फैसला लिया गया है. ट्रंप मंगल मिशन के लिए चांद को बेस बनाकर इस दिशा में पहला कदम रखने वाले हैं.

ट्रंप ने कहा है, "आज मैं जिस निर्देश पर हस्ताक्षर कर रहा हूं, वो अमेरिका के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर फिर से फोकस करने में मदद करेगा.'' उन्होंने कहा,

Q-जानकारी

अपोलो मिशन-17 नासा के अपोलो प्रोग्राम का आखिरी मिशन था. इसे 7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था. वैसे अपोलो अभियानों की शुरुआत चांद तक पहुंचने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने की थी.

ये 1972 के बाद सबसे लंबी अवधि की खोज और प्रयोग के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को एक बार फिर चंद्रमा पर भेजने के एक अहम कदम का प्रतीक है. इस बार हम चंद्रमा पर सिर्फ झंडा गाड़ने और पैरों के निशान छोड़ने की योजना नहीं बना रहे हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के अंतर्गत फ्लोरिडा और अमेरिका अंतरिक्ष कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे.

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