अमेरिका ने कोरोनावायरस से जुड़े चीन के आंकड़ों पर शक जताया है. अमेरिकी सांसदों ने एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला देकर चीन के आंकड़ों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए थे. इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कोरोनावायरस को लेकर चीन के आंकड़ों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि चीन आंकड़ों को छिपा रहा है.
अमेरिकी सांसदों ने उठाया था ‘फेक’ आंकड़ों का सवाल
ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमें कैसे पता चलेगा कि चीन के आंकड़े सही हैं. उनके आंकड़े थोड़े कम लग रहे हैं. हालांकि चीन से अमेरिका के संबंध अच्छे हैं. शी जिनपिंग से मेरे संबंध अच्छे हैं. दरअसल, अमेरिकी संसद के रिपब्लिकन सांसदों ने ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की ओर ध्यान दिलाया था जिसमें अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट का हवाला दिया गया था. सांसदों ने इस बात पर गुस्सा जाहिर किया कि चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रहा है. वह वुहान प्रांत में वायरस से संक्रमित लोगों और इससे हुई मौतों का सही आंकड़ा नहीं बता रहा.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस को लेकर चीन की रिपोर्टिंग अधूरी रही है. कुछ इंटेलिजेंस अधिकारियों का कहना है कि चीन के आंकड़े फेक हैं. ब्लूमबर्ग ने व्हाइट हाउस को भेजे गए इंटेलिजेंस दस्तावेजों का हवाला देकर कहा है कि चीन तथ्यों को छिपा रहा है.
अमेरिका में चीन से ज्यादा मौतों की संख्या
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ट्रैकर के मुताबिक चीन ने जो आंकड़े सार्वजनिक किए गए हैं उसके मुताबिक कोरोनावायरस से 82,361 लोग संक्रमित हुए थे और 3,316 लोगों की मौत हुई थी. जबकि अमेरिका में संक्रमित मरीजों की संख्या206,207 थी. मौतों की संख्या 4542 थी. रिपब्लिकन सांसद बेन सैस ने कहा कि चीन के आंकड़े कूड़ा प्रोपगंडा हैं. सैस ने कहा कि अमेरिका में चीन से ज्यादा कोरोनावायरस मौतों के आंकड़े की बात बकवास है. चीन में ज्यादा मौतें हुई हैं लेकिन वह इन्हें छिपा रहा है.
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