अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व कैंपेन मैनेजर पॉल मानाफोर्ट ने एफबीआई के सामने सरेंडर कर दिया है. मानाफोर्ट लंबे वक्त से चल रही उस जांच के घेरे में हैं जिसके मुताबिक 2016 के अमेरिकी चुनाव अभियान में रूसी हस्तक्षेप की खबरें सामने आई थीं.
रूसी मदद लेने का आरोप
न्यूयॉर्क टाइम्स और सीएनएन की खबरों के मुताबिक, मानाफोर्ट ने वॉशिंगटन के एफबीआई ऑफिस में समर्पण कर दिया. जस्टिस डिपार्टमेंट के स्पेशल काउंसल रॉबर्ट मुलर इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. बड़ा आरोप ये है कि ट्रंप के चुनाव को ट्रंप के पक्ष में मोड़ने के लिए रूसी मदद ली गई.
वॉलस्ट्रीट जर्नल ने कहा है कि मानाफोर्ट पर कुल 12 आरोप लगाए गए हैं जिनमें अमेरिका के खिलाफ साजिश, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल हैं. इस मामले में लंबे वक्त तक मानाफोर्ट के कारोबारी साझेदार रहे रिक गेट्स पर भी आरोप लगे हैं.
ट्रंप ने कहा, पुराना कैंपेनर था मानाफोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में अपनी सफाई दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि मानाफोर्ट एक साल पहले उनके कैंपेनर थे. अब नहीं है.
अगस्त और जुलाई में हुई थी छापेमारी
इससे पहले अगस्त महीने में फेडरल जांच ब्यूरो ने पॉल मानाफोर्ट के वर्जिनिया स्थित आवास पर छापेमारी की थी. इससे पहले 26 जुलाई को भी वाशिंगटन के एलेक्जेंड्रिया में इस संबंध में छापेमारी की गई थी. जहां से दस्तावेज और अन्य चीजें बरामद की गई थी. मानाफोर्ट पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हितों को पूरा करने के लिए काम करने का आरोप है.
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