आखिरकार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 27 दिसंबर, रविवार को 900 अरब डॉलर का कोरोना महामारी राहत पैकेज जारी किया है. इसके पहले डोनाल्ड ट्रंप ने इस राहत पैकेज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. अब इस राहत पैकेज के जारी होने के बाद अमेरिकी कारोबारियों, बेरोजगारों और महामारी की वजह से प्रभावित हुए लोगों को आर्थिक राहत मिल सकेगी. राष्ट्रपति ट्रंप के इस आर्थिक मदद पर हस्ताक्षर न करने की प्रेजिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन ने भी आलोचना की थी.
भारी-भरकम राहत पैकेज में 1.4 ट्रिलियन डॉलर का फंड तो सिर्फ सरकारी एजेंसियों को मिलने वाला है. इसके जरिए सिस्टम में आई आर्थिक तंगी को दूर किया जाएगा. बता दें कि एक दिन पहले ही ट्रंप ने इन राहत पैकेज पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अमेरिका में हलचल मच गई थी.
अमेरिकियों को $600 के चेक देने का प्रावधान
इस पैकेज के तहत उन अमेरिकियों को $600 के चेक देने का प्रावधान है जो सालाना 75 हजार डॉलर से कम कमाते हैं. इसके पहले सभी को $2,000 के चेक देने की मांग को ट्रंप के साथी रिपब्लिकनंस ने खारिज कर दिया. ट्रंप की मांग यही थी कि इस राहत राशि को बढ़ाया जाना चाहिए.
दूसरी तरफ डेमोक्रेट्स ने कहा है कि जैसे ही जो बाइडेन राष्ट्रपति पद पर आसीन होंगे वो और भी राहत पैकेजों का ऐलान करेंगे. वहीं रिपब्लिकंस का मानना है कि इस पैकेज के असर को थोड़ा रुककर देखना चाहिए.
बेरोजगारों को भी मदद देने का प्रावधान
जिस नए कोरोना राहत बिल पर डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर किए हैं उसके तहत बेरोजगारों को भी हर हफ्ते करीब 300 डॉलर की राहत दी जाने वाली है. इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान जिन कारोबारों, स्कूलों और स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है उन्हें भी राहत पैकेज देकर मदद की जाएगी.
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