फेसबुक ने डोनाल्ड ट्रंप का सोशल मीडिया अकाउंट अनिश्चितकाल के लिए बैन कर दिया है. फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग का कहना है कि ये बैन कम से कम दो हफ्ते का तो होगा ही जबतक पावर ट्रांजिशन नहीं हो जाता. जकरबर्ग ने लिखा, "हमें लगता है कि राष्ट्रपति को इस पीरियड में हमारी सर्विस इस्तेमाल करने देना बड़ा खतरा होगा. इसलिए हम उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगे ब्लॉक को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा रहे हैं और कम से कम अगले दो हफ्तों के लिए तो जरूर जब तक पावर ट्रांजिशन शांतिपूर्ण ढंग से पूरा हो जाएगा."
इससे पहले कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों की हिंसा की वजह से ट्विटर और फेसबुक ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को अस्थायी तौर पर बंद कर उन्हें पोस्ट करने से रोक दिया. बुधवार की देर रात एक बयान में ट्विटर ने कहा कि ट्रंप के निजी ट्विटर अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा क्योंकि उन्होंने प्लेटफॉर्म की हिंसक धमकियां देने संबंधी नीतियों का उल्लंघन किया था. अगर वो आगे भी ऐसा करते हैं तो उनका अकाउंट स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा.
नतीजा ये है कि फिलहाल, ट्विटर पर भी डोनाल्ड ट्रंप का करीब 20 घंटे पुराना ट्वीट दिख रहा है. कुछ ट्वीट हटाए गए हैं.
इतना ही नहीं YouTube ने भी डोनाल्ड ट्रंप के वीडियो को हटा दिया है. YouTube का कहना है कि वीडियो ने प्लेटफॉर्म की नीतियों का उल्लंघन किया है. यूट्यूब के प्रवक्ता एलेक्स जोसेफ ने कहा है, "हम आने वाले घंटों में भी सतर्क रहेंगे."
इस बीच अमेरिकी सिंगर और सोशल मीडिया पर बेहद पॉपुलर शख्सियत सेलेना गोमेज का एक ट्वीट भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, गूगल और इनके मालिकों को संबोधित करते हुए लिखा है कि ये हिंसा इसलिए हुई है क्योंकि इन बड़े प्लेटफॉर्म्स ने नफरती लोगों को इस्तेमाल की इजाजत दी है.
उन्होंने लिखा है,
आज जो हुआ वो नतीजा था नफरत भरे लोगों को प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल करने की इजाजत देना. वो प्लेटफॉर्म्स जिनका इस्तेमाल लोगों के साथ आने और समुदाय बनाने के लिए इस्तेमाल होने चाहिए थे. आप सभी ने अमेरिकी लोगों को निराश किया है और मुझे उम्मीद है कि आगे चलकर आप इन चीजों को ठीक करेंगे.
बता दें कि बुधवार को कैपिटल के अंदर हुई गोलीबारी में महिला की उस वक्त मौत हो गई जब बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थकों ने बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया था और कांग्रेस के लोकतांत्रिक कामकाज को रोकने के लिए हिंसक प्रदर्शन किया. उस समय यहां सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति के पद पर कमला हैरिस के चुने जाने की पुष्टि की प्रक्रिया कर रहे थे.
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