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...इसलिए ओसामा के बेटे हमजा बिन लादेन से घबरा रही है दुनिया

पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी

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आतंकवाद से जूझ रही दुनिया के माथे पर एक तस्वीर ने शिकन डाल दी है. तस्वीर को जारी किया है अल कायदा ने. तस्वीर में ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा लादेन का चेहरा, जलते हुए ट्विन टावरों पर चस्पा नजर आ रहा है. तस्वीर ने इस बात की आशंका बढ़ा दी है कि कमजोर पड़ती ISIS ने न सिर्फ अल कायदा को सिर उठाने का मौका दे दिया है बल्कि हमजा को दुनिया भर के आतंकियों का सरगना बनने का भी. हमजा का नया टेप रूस को आतंकी निशाने पर सबसे ऊपर रखता है.

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इन सारे कयासों को पूर्व FBI एजेन्ट और अल-कायदा से जुड़ी हर छोटी चीज पर पैनी नजर रखने वाले अली सूफान की एक रिपोर्ट के बाद और भी मजबूती मिलती है. रिपोर्ट को कॉम्बेटिंग टेररिज्म सेंटर(CTC) ने छापा है.

अली सूफान के मुताबिक "हमजा बिन लादेन 28 साल का हो चुका है. उसे उस अल कायदा के नेतृत्व के लिए तैयार किया जा रहा है जिसे उसके पिता ओसामा बिन लादेन ने खड़ा किया. बिन लादेन परिवार से आने की वजह से हमजा को जिहादी नेटवर्क में आसानी से अपना लिया जाएगा. इस्लामिक स्टेट टूट की कगार पर है, ऐसे में हमजा पूरी दुनिया के जिहादियों को जोड़ने के लिए बेहतर जगह पर खड़ा है.

हमजा, ओसामा के सबसे पसंदीदा बेटों में से था. CTC के मुताबिक, ओसामा का बेटा खालिद, ऐबटाबाद में उसे बचाते हुए मारा गया था. हमजा किसी तरह बच गया. चार साल तक उसका कुछ पता नहीं चला. साल 2015 में हमजा फिर नजर आया.

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हमजा ही क्यों?

ओसामा बिन लादेन की कई पत्नियां थीं. लेकिन उसका सबसे ज्यादा लगाव हमजा की मां, खैरिया सबर से ही था. हमजा, ओसामा की 20 संतानों में 15वें नंबर पर था. 9/11 से पहले ही अफगानिस्तान में ओसामा के साथ रहते हुए उसे हथियार चलाना सिखाने से लेकर अमेरिकियों और यहूदियों के खिलाफ जमकर नफरत का पाठ पढ़ाया गया. हमजा को 9/11 हमले के पहले ही अफगानिस्तान से ईरान भेज दिया गया था. बताया जाता है कि कई साल तक अल-कायदा के करीबी लोगों के साथ हमजा ईरान में ही रहा.

पाकिस्तान के एबटाबाद में जब अमेरिकी नेवी सील ने लादेन को मार गिराया, उस दौरान मिले कुछ खतों से खुलासा हुआ कि लादेन और हमजा लंबे वक्त तक दूर रहने के बावजूद चिट्ठियों के जरिए संपर्क में थे. उन खतों में हमजा ने ये भी लिखा कि वो ‘फौलाद का बना’ है और ‘जीत या शहादत’ के लिए तैयार है.

ओसामा से मिलती हैं आदतें

अगस्त 2015 में हमजा ने एक ऑडियो संदेश जारी किया. इसमें उसने ओसामा और भाई खालिद को शहीद बताते हुए श्रद्धांजलि दी. साथ ही दुनिया भर के जिहादियों को एक होकर काबुल से बगदाद, गाजा से वॉशिंगटन और लंदन से पेरिस तक हमले की बात कही.

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साल भर बाद ही एक भाषण- हम सब ओसामा हैं में हमजा बदले की बाद करता नजर आता है. वो कहता है- अगर तुम्हें लगता है कि एबटाबाद में किए अपराध की सजा नहीं मिलेगी तो तुम गलत हो. इसी साल जनवरी में अमेरिका ने हमजा को ग्लोबल टेररिस्ट की खास लिस्ट में डाल दिया.

सूफान के मुताबिक, हमजा के संदेश अक्सर ओसामा की शब्द दर शब्द कॉपी होते हैं. वैसे ही संदेश जो ओसामा 90 और 2000 के दशक में दिया करता था. अल कायदा के ऑपरेशनल कमांडरों से नजदीकी, खानदानी विरासत और उसका खुद का रुतबा, हमजा को संगठन का सरगना बनने में बड़ा किरदार निभा सकता है.

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हमजा का सिर उठाना पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द की एक बड़ी वजह बन गया है. दुनिया पहले ही आतंकवाद के बढ़ते खतरे से जूझ रही है ऐसे में हमजा बिन लादेन आतंक की जमीन पर नए नासूर का नाम है.

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