ADVERTISEMENTREMOVE AD

Pak मूल के Humza Yousaf चलाएंगे स्कॉटलैंड सरकार, कभी कॉल सेंटर में करते थे काम

Scotland: कॉल सेंटर में काम करने से लेकर स्कॉटलैंड के पहला मुस्लिम फर्स्ट लीडर बनने तक, हमजा युसूफ ने ऐसे रचा इतिहास

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पाकिस्तानी मूल के हमजा यूसुफ (Humza Yousaf) ने बुधवार, 29 मार्च को स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर पद की शपथ ली. यह पद भारत के प्रधानमंत्री के बराबर का होता है. यूसुफ फर्स्ट मिनिस्टर के पद को संभालने वाले पहले गैर स्कॉटिश और मुस्लिम नेता हैं. हालांकि, स्कॉटलैंड ब्रिटेन के अधीन होने और यूके का हिस्सा होने की वजह से वहां के सुप्रीम लीडर को फर्स्ट मिनिस्टर कहा जाता है, न की प्रधानमंत्री. हमजा ने स्कॉटिश नेशनल पार्टी (SNP) से चुनाव लड़ा था और निकोला स्टर्जन की जगह ली है.

बता दें इससे पहले प्रथम मंत्री के पद पर निकोला स्टर्जन काबिज थीं, जिन्होंने 15 फरवरी को अपने इस्तीफे का ऐलान किया था. वह लगातार आठ साल तक SNP की नेता रहीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर सरकार के प्रमुख होते हैं और अन्य देशों के प्रधान मंत्री के समान भूमिका निभाते हैं और पूरे देश का नेतृत्व करते हैं. अपनी जीत के भाषण में यूसुफ ने कहा, "मैं पूरे स्कॉटलैंड के लिए प्रथम मंत्री बना हूं, मैं आपका सम्मान और आपका विश्वास पाने और इसको बनाए रखने के लिए हर दिन हर मिनट काम करूंगा.

सोमवार की सुबह हमजा यूसुफ ने अपनी प्रतिद्वंदी, केट फोर्ब्स और ऐश रेगन को इस चुनाव में पीछे छोड़ दिया. हालांकि इन तीनों के बीच कड़ी टक्कर रही लेकिन जीत का सेहरा यूसुफ के ही सर बांधा. हमजा अब स्कॉटिश नेशनल पार्टी के मुखिया भी हैं.

इस सुप्रीम पद के लिए तीनों उम्मीदवारों के बीच विचारों का मतभेद देखने को मिला - यूसुफ को व्यापक रूप से स्टर्जन के पसंदीदा उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है, वहीं फोर्ब्स के विचार समलैंगिक विवाह के खिलाफ रहे हैं. ऐश रेगन ने लिंग मान्यता में पूर्व फर्स्ट मिनिस्टर स्टर्जन के प्रस्तावित परिवर्तनों के विरोध में सरकार छोड़ दी.

ऋषि सुनक के बाद हमजा यूसुफ, यूरोपीयन देशों में एशियाई मूल के लोगों का बढ़ता दबदबा

यूरोपीयन देशों में एशियाई मूल के लोगों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. यह लगातार दूसरी बार है जब एशियाई मूल के नागरिक ने किसी यूरोपीयन देश की कमान संभाली है. छह महीने पहले ही भारतीय मूल के ऋषि सुनक पहले ब्रिटिश प्रधान मंत्री बने. सुनक की तरह यूसुफ को एक विभाजित पार्टी और देश विरासत में मिला है. हालांकि दिलचस्प बात ये है कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं और ब्रिटेन के अधीन आने वाले स्कॉटलैंड में सरकार चलाने वाला व्यक्ति पाकिस्तानी मूल का है. वर्तमान समय में स्कॉटलैंड ब्रिटेन से आजाद होना चाहता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कौन हैं हमजा युसूफ

यूसुफ का जन्म स्कॉटलैंड के ग्लासगो में 1980 में हुआ था. लेकिन उनकी जड़ें पाकिस्तान के पंजाब के मियां चन्नू से जुड़ी हुईं हैं. उनके दादा-दादी 1960 में पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत के मिया छन्‍नू से स्‍कॉटलैंड आए थे. उनके पिता मुजफ्फर मियां चन्नू में पैदा हुए थे, जबकि उनकी मां, शाइस्ता का ताल्लुक केन्या से है.

चुनाव परिणामों की घोषणा के दौरान हिजाब पहनीं उनकी मां शाइस्ता भावुक नजर आ रही थीं और उनकी आंखों में आंसू था.

"वो अपने सपनों में भी कल्पना नहीं कर सकते थे कि उनका पोता एक दिन स्कॉटलैंड का अगला प्रथम मंत्री बनने के कगार पर होगा. आज हमने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि जिस देश को हम घर कहते हैं उसका नेतृत्व करने के लिए रंग या धर्म जैसी चीजें कोई बाधा नहीं हैं. पंजाब से हमारी संसद तक, यह पीढ़ी दर पीढ़ी की यात्रा है जो हमें याद दिलाती है कि हमें हमेशा उन प्रवासियों का जश्न मनाना चाहिए जो हमारे देश में इतना योगदान देते हैं."

यूसुफ गैस्लोगो के हचेंसन्स ग्रामर स्कूल में एक शिक्षक रहे और फिर युसूफ ने ग्लासगो विश्वविद्यालय में राजनीति का अध्ययन किया. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 37 वर्षीय युसूफ ने कुछ समय के लिए एक कॉल सेंटर में काम किया. उसके बाद उन्होनें स्कॉटलैंड के स्कॉटिश संसद के पहले मुस्लिम सदस्य (MSP) बशीर अहमद के संसदीय साहयक की भूमिका संभाली. इसके बाद निकोला स्टर्जन, एलेक्स सल्मंड और ऐनी मैकलॉघलिन सहित कई (MSP) के लिए संसदीय सहायक रहे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राजनीति

2011 में अपने 25वें जन्मदिन के कुछ सप्ताह बाद यूसुफ इतिहास में सबसे यंग एमएसपी (सांसद) बने. 2012 में वो स्कॉटिश सरकार में मंत्री बनने वाले पहले स्कॉटिश-एशियाई और पहले मुस्लिम बने. फिर फर्स्ट मिनिस्टर एलेक्स सल्मंड के कार्यकाल में उन्होनें विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय विकास मंत्री का कार्यभार संभाला.

2016 में, उन्होंने ग्लासगो पोलोक का प्रतिनिधित्व करते हुए स्कॉटिश संसद में निर्वाचन क्षेत्र की सीट हासिल करने के लिए जातीय अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के पहले व्यक्ति बनकर इतिहास रच दिया. बाद में उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला. हालांकि अपने कार्यकाल के सिर्फ छह महीने में यूसुफ को £300 के जुर्माने और 6 पेनल्टी प्वाइंट का सामना करना पड़ा. वजह थी कि वो बिना इंश्योरेंस वाली अपनी दोस्त की गाड़ी चलाते हुए पाए गए थे.

यूसुफ को 2018 में न्याय सचिव नियुक्त किया गया. यहां उन्होंने विवादास्पद हेट क्राइम और पब्लिक ऑर्डर बिल पेश किया. जिसमें बोलने की आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकारों को बनाए रखते हुए सताए गए अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रस्ताव दिया. अनिवार्य रूप से इस बिल ने जाति, धर्म, यौन,आयु, लिंग पहचान और अक्षमता के आधार पर "घृणा/हेट भड़काना" को एक दंडनीय अपराध माना.

कोविड-19 महामारी के समय,युसूफ ने देश के स्वास्थय मंत्री का कार्यकार भी संभाला था.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

जेंडर और माइग्रेशन के मुद्दों पर यूसुफ के विचार काफी लिबरल रहे हैं. वो स्कॉटलैंड में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाले अधिनियम के मुख्य समर्थकों में से एक रहे हैं. उन्होंने स्टर्जन के लिंग पहचान बिल (Gender Recognition Bill) का भी समर्थन किया, जिसको वर्तमान में ऋषि सुनक सरकार के विरोध का सामना करना पड़ रहा हैं.

साथ ही युसूफ स्कॉटिश स्वतंत्रता के एक कट्टर समर्थक भी हैं. हालांकि सरकार चलाने के लिए युसूफ को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और ग्रीन पार्टी को साथ लेकर चलना होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×