खराब माली हालत से परेशान पाकिस्तान को इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने कहा है कि पहले वह चीन से मिल रही आर्थिक मदद का ब्योरा दे तभी उसे बेलआउट पैकेज मिलेगा.
IMF मिशन पाकिस्तान के बैलेंस ऑफ पेमेंट की दिक्कतें दूर करने के लिए उसे कर्ज मुहैया करने पर बातचीत के लिए आया है. पाकिस्तान लगातार IMF से बेलआउट पैकेज मांग रहा है. लेकिन IMF ने पाकिस्तान के सामने तीन शर्तें रखी हैं-
- पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में 150 अरब रुपये का टैक्स लगाए
- रुपये का और अवमूल्यन करे और कड़ी मॉनेटरी पॉलिसी अपनाए
- पाकिस्तान को उबारने के लिए चीन से मिले कर्जे को ब्योरा दे
क्या IMF की शर्तें मानेगा पाकिस्तान?
IMF ने इन शर्तों के साथ पाकिस्तान से यह भी कहा है कि देश में आर्थिक सुधारों को लागू करने पर उसके क्या विचार हैं.
हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि पाकिस्तान IMF की कड़ी शर्तों को मानेगा या नहीं. पाकिस्तान के लिए IMF के आर्थिक सुधारों को लागू करना मुश्किल है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन से आर्थिक मदद मांग रहे हैं.
पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की मदद देगा सऊदी अरब
पाकिसत्ना के वित्त मंत्री असद उमर ने कहा है कि IMF से बातचीत सही दिशा में चल रही है लेकिन अभी भी दोनों के नजरिये में काफी अंतर है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने तीन अरब डॉलर की मदद का जो वादा किया था, उसमें से एक अरब डॉलर उसे मिल चुके हैं. अगले कुछ दिनों में और दो अरब डॉलर भी मिल जाएंगे.
पाकिस्तान को अपने बैलेंस ऑफ पेमेंट की समस्या से निपटने के लिए 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की जरूरत है. पाकिस्तान को इससे निपटने के लिए बिजली की दरों में इजाफा करना होगा. उसे रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ाने के साथ अतिरिक्त टैक्स भी लगाने होंगे.
सूत्रों की मानें तो IMF पाकिस्तान सरकार से एक रोडमैप मांग रही है कि वह किस तरह से वह बिजली सेक्टर को भारी कर्जे से उबारेगी. बिजली सेक्टर का कर्ज 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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