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'इंटरनेट बंद है,VPN से खबरें छाप रहे',इमरान की गिरफ्तारी पर पाक मीडिया की खबरें

Imran Khan Arrest: पाकिस्तान में 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से हालत बद से बदतर हो गए हैं.

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पाकिस्तान में 9 मई को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी (Imran Khan Arrest) के बाद से हालत बद से बदतर हो गए हैं. इमरान के समर्थक सड़कों पर उत्पात मचा रहे हैं तो सेना अपने तरीके से हालात काबू करने की कोशिश कर रही है. कई शहरों में इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड कर दी गई हैं. इन सब से सूचना का स्त्रोत यानी मीडिया भी प्रभावित हुआ है.

कई अखबारों ने इस पूरे मामले पर संपादकीय के जरिए अपनी राय रखी तो कई ने खबरों के जरिए दुनिया को बताया कि पाकिस्तान में क्या चल रहा है. देखिए पाकिस्तान के 5 बड़े अखबारों ने इस मामले पर क्या लिखा.

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1. आर्मी ने हिंसा करने वालों को बताया 'पाखंड का उदाहरण', अखबार ने दी तवज्जो

पाकिस्तान के बड़े अखबार डॉन ने इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा पर बड़ी कवरेज की. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर हिंसा देखने को मिली जिसे पाकिस्तानी सेना की विंग 'इंटर स्टेट पब्लिक रिलेशन' ने 'ब्लैक चैप्टर' घोषित किया. अखबार ने इसे प्रमुख्ता से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया है.

इसमें हिंसा करने वाले लोगों के बार में लिखा गया है कि एक ओर, "ये बदमाश अपने सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र की भावनाओं को भड़काते हैं और दूसरी ओर, वे सेना के महत्व पर बात करते लोगों को धोखा देते हैं."

आर्मी ने इसे 'पाखंड का उदाहरण' कहा है. इसमें आगे कहा गया है कि "सत्ता की लालसा में राजनीतिक चोला पहने इस समूह ने वो कर दिया है जो 75 साल में दुश्मन भी नहीं कर पाए"

2. 'इमरान खान की गिरफ्तारी को कोई रोक नहीं सकता था'

पाकिस्तान के एक और बड़े अखबार 'पाकिस्तान टुडे' ने अपने संपादकीय में खुलकर इमरान खान की गिरफ्तारी पर अपनी राय रखी है. इसमें लिखा गया कि "इमरान खान की गिरफ्तारी को कोई रोक नहीं सकता था, क्योंकि उन्होंने आईएसआई के आतंकवाद निरोधी विभाग के प्रमुख मेजर जनरल के खिलाफ हाल ही में बयान दिए थे. इमरान ने दो बार अपनी हत्या के दो प्रयासों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था."

इसमें आगे कहा गया कि "अब विरोध और हिंसा की सीमा ही तय करेगी कि इमरान का राजनैतिक भविष्य क्या होगा. अब जब इमरान फिलहाल रेस से बाहर हैं तो पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए भी खींचतान देखने को मिल सकती है.

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3. 'नेता अपने हितों को देश से पहले प्राथमिकता दे रहे'

पाकिस्तान के बड़े अखबार द नेशन ने इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद फैली अशांति पर लेख लिखा और इसके लिए नेताओं को जिम्मेदार ठहराया. अखबार ने लिखा है-

"देश इस समय कई संकटों से गुजर रहा है और ऐसा लग रहा है कि कोई भी स्टेकहोल्डर स्थिति को ठीक करने की कोशिश नहीं कर रहा है. राजनीतिक नेता अपने छोटे-छोटे हितों को देश के हित से पहले प्राथमिकता दे रहे हैं और ये सभी पर लागू होता है."

जहां तक इमरान ​​खान का संबंध है, उनके समर्थक देश भर में केवल ध्रुवीकरण बढ़ा रहे हैं और ऐसे समय में जब पूरी मेहनत से काम करने जरूरत है, तो देश के संस्थानों को बदनाम कर रहे हैं."

अखबार ने आगे लिखा कि "यह नई घटना केवल देश को अराजकता और अशांति में डुबोएगा. यहां तक ​​कि अगर गिरफ्तारी कानूनी भी है, तो इसके आस-पास हो रही चीजें काफी समस्याग्रस्त हैं."

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4. 'रावलपिंडी और इस्लामाबाद में हिंसक टकराव'

पाकिस्तान के एक अखबार और डिजिटल मीडिया समूह पार ट्रिब्यून ने कई शहरों में हो रही हिंसा को प्रमुखता से कवर किया. अखबार ने हिंसा की जानकारी देते हुए लिखा,

"रावलपिंडी और इस्लामाबाद में, पुलिस और पीटीआई समर्थकों के बीच हिंसक टकराव देखा गया, जिसके बाद पार्टी समर्थकों पर कार्रवाई की गई. रावलपिंडी में जीएचक्यू और हमजा कैंप (ओझरी कैंप) सहित संवेदनशील प्रतिष्ठानों को पीटीआई समर्थकों ने निशाना बनाया"

खबर में आगे बताया गया कि पीटीआई कार्यकर्ताओं के साथ हुई झड़प में दो पुलिस अधिकारी-वारिस खान डीएसपी ताहिर सिकंदर और रत्ता अमराल एसएचओ चौधरी रियाज भी घायल हो गए.

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5. 'हेलो वर्ल्ड! पाकिस्तान में इंटरनेट बंद है, लेकिन हम ये VPN से पब्लिश कर रहे हैं'

पाकिस्तान के डॉन समाचार पत्र की वेबसाइट ने इंटरनेट बंद करने की खबर को बेहद अलग अंदाज में पेश किया. उन्होंने हेडलाइन लगाई, "हेलो वर्ल्ड! पाकिस्तान में इंटरनेट बंद है, लेकिन हम ये VPN से पब्लिश कर रहे हैं"

इसमें अंदर इंटरनेट बंद की जानकारी देते हुए डॉन ने लिखा, "गृह मंत्रालय ने एक बार फिर से स्विच बंद कर दिया है. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) ने कहा है कि मंगलवार को पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच आंतरिक मंत्रालय के निर्देश पर देश भर में मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाएं 'अनिश्चित काल' के लिए निलंबित रहेंगी.

इस बीच इंटरनेट आउटेज को ट्रैक करने वाले एक संगठन नेटब्लॉक्स ने मंगलवार को कहा कि ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब तक पहुंच भी पूरे पाकिस्तान में प्रतिबंधित है.

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