भारत और पुर्तगाल ने रक्षा व सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी का विस्तार करने के लिए सात समझौते किए हैं.
साथ ही दोनों देशों ने चीन की परोक्ष रूप से आलोचना भी की है. यह आलोचना जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में शामिल करने के प्रयासों पर अड़ंगा लगाने के कारण की गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुर्तगाली पीएम एंटोनियो कोस्टा के बीच हुई व्यापक वार्ता में संबंधों को गहरा बनाने पर सहमति बनाई गई. दोनों पक्षों ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के विषय पर दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए.
मोदी ने एक बयान में कहा कि उन्होंने और कोस्टा ने हिंसा और आतंक के तेजी से फैलते खतरे के खिलाफ वैश्विक समुदाय द्वारा कड़ी और तत्काल कार्रवाई किये जाने की जरूरत पर चर्चा की.
संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और पुर्तगाल बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की भावना से आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग को मजबूत करेंगे.
दोनों नेताओं ने आतंकवादियों के ठिकानों, बुनियादी ढांचों का सफाया करने, उनके नेटवर्क और फंडिंग के रास्ते में बाधा खड़ी करने का भी आह्वान किया. साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा समग्र अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद संधि को लागू करने की मांग की.
मोदी ने मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए पुर्तगाल के समर्थन पर कोस्टा को धन्यवाद दिया.
इनपुट:भाषा
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