ADVERTISEMENTREMOVE AD

हर 2 में से 1 भारतीय-अमेरिकी को US में झेलना पड़ता है भेदभाव: सर्वे

रंग के आधार पर सबसे ज्यादा पक्षपात देखा गया

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े आप्रवासी समूह भारतीय-अमेरिकी समुदाय को भेदभाव का सामना करना पड़ता है. US में इस समुदाय की तादाद करीब 40 लाख है और ये अकादमिक, वित्तीय और पेशेवर रूप से काफी सफल है. फिर भी एक सर्वे के मुताबिक, हर दो में से एक भारतीय-अमेरिकी को भेदभाव और पक्षपात का सामना करना पड़ता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

9 जून को जारी हुए भारतीय अमेरिकी एटीट्यूड सर्वे 2020 के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पिछले साल हर दो में से एक भारतीय अमेरिकी को भेदभाव झेलना पड़ा और रंग के आधार पर सबसे ज्यादा पक्षपात देखा गया.

सर्वे में कहा गया कि यूएस में पैदा हुए भारतीय-अमेरिकी लोगों के भेदभाव का ज्यादा शिकार बनने की संभावना रहती है.  
0

'दूसरे समूहों के साथ ज्यादा होता है भेदभाव'

सर्वे जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया और कार्नेगी एंडोमेंट ने पोलिंग ग्रुप YouGov के साथ किया है. इसके मुताबिक, 30 फीसदी लोगों को लगता है कि स्किन कलर की वजह से भेदभाव किया जाता है.

18 फीसदी लोगों का कहना है कि लिंग या धर्म के आधार पर भेदभाव होता है.

कुल मिलाकर 31 फीसदी लोगों को लगता है कि भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव एक बड़ी समस्य है. 53 फीसदी इसे छोटी समस्या मानते हैं और 17 फीसदी इसे समस्या मानते ही नहीं.  
ADVERTISEMENTREMOVE AD

जब तुलना करते हुए सवाल पूछा गया तो 52 फीसदी लोगों ने कहा कि यूएस में बाकी अल्पसंख्यक समूहों को भारतीय-अमेरिकी लोगों से ज्यादा भेदभाव झेलना पड़ता है.

73 फीसदी लोग मानते हैं कि एशियाई-अमेरिकी लोग जो भारतीय मूल के नहीं हैं, उन्हें भारतीय-अमेरिकी लोगों से ज्यादा भेदभाव झेलना पड़ता है. 90 फीसदी लैटिनो अमेरिकन, 89 फीसदी LGBTQ और 86 फीसदी अफ्रीकन-अमेरिकी लोगों को भेदभाव का ज्यादा बड़ा शिकार मानते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×