चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में 7 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को लेकर एक आर्टिकल छपा था. चीन में पाकिस्तान के राजदूत मोइन उल-हक ने इस आर्टिकल में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के रवैये को जाहिर किया था. अब चीन में भारतीय दूतावास ने इस आर्टिकल पर जवाब जारी किया है. भारत के दूतावास ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और उस पर सुने जाने का अधिकार पाकिस्तान या किसी और देश को नहीं है.
दूतावास ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तानी राजदूत हक के गलत दावा इस बात को नहीं छुपा सकते कि आर्टिकल 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में प्रगति हुई है.
पिछले एक साल में आर्टिकल 370 हटने के बाद से केंद्र के कई कानून जम्मू-कश्मीर में लागू हुए हैं, जिनकी वजह से सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों की प्रभावी ढंग से सुरक्षा हो पाई है. लोगों को अपना प्रतिनिधि चुनने की आजादी दी गई. 24 अक्टूबर 2019 को ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव हुए.भारतीय दूतावास
क्या था आर्टिकल में?
'Urgent actions on Jammu, Kashmir needed' नाम के इस आर्टिकल में पाकिस्तानी राजदूत मोइन उल-हक ने कश्मीरी लोगों की 'दिक्कतें खत्म करने के लिए जरूरी कदम' उठाने की अपील की थी. ग्लोबल टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में हक ने वैश्विक समुदाय से एक्शन लेने की अपील की थी.
पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, “भारतीय सेना ने कश्मीरी लोगों को बंद करके रखा है और अब लगभग एक साल से पुलिस स्टेट बन गया है.”
अगस्त में चीन में पाकिस्तान के राजदूत बने मोइन उल-हक ने कहा, "इसी साल करीब 200 बेगुनाह कश्मीरियों की मौत हो गई है. करीब 50 मामले रेप और छेड़छाड़ के हैं और लगभग 1,000 घर और प्रॉपर्टी तोड़ दी गई हैं. इसके अलावा करीब 2,200 नागरिकों की गिरफ्तारी हुई है."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)