भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने मंगलवार, 7 दिसंबर को म्यांमार (Myanmar) के उस हालिया घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त की है, जिसमें अपदस्थ नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) को असंतोष भड़काने के आरोप में चार साल की जेल की सजा सुनाई गई है. बाद में उनकी सजा को चार साल से घटाकर दो साल कर दिया गया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखा जाना चाहिए और इन प्रक्रियाओं को कमजोर करने वाला कोई भी कदम गहरी चिंता का विषय है.
"हम हाल के फैसलों से परेशान हैं. एक पड़ोसी लोकतंत्र के रूप में, भारत म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन का लगातार समर्थन करता रहा है…हम मानते हैं कि कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखा जाना चाहिए. कोई भी कदम जो इन प्रक्रियाओं को कमजोर करता है और मतभेदों को बढ़ाता है, वह गहरी चिंता का विषय है."अरिंदम बागची, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
गौरतलब है कि 1 फरवरी, 2021 को तख्तापलट में म्यांमार की सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई में बच्चों सहित सैकड़ों लोग मारे गए थे.
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