इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने हमले में एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए है. रिपोर्ट्स के मुताबिक 80 लोगों की मौत हो गई है. अमेरिका और ईरान के बीच तनाव उस दिन से ज्यादा बढ़ गया है, जब अमेरिका ने बगदाद में ड्रोन हमला कर ईरान के कुद्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मार गिराया था.
ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है. सुलेमानी पर हमले का आदेश शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया था.
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया. और कहा कि इसके साथ ही अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है. उन्होंने बताया कि इस हमले में उस अड्डे को निशाना बनाया गया, जहां से नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कायरतापूर्ण सैन्य हमला किया गया था.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने वीडियो भी जारी किए हैं, जिसमें ये हमला होते हुए दिख रहा है.
अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘‘इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था’’. उन्होंने ईरान के परमाणु समझौते से अलग होने और जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के ट्रंप के फैसलों की आलोचना की.
ईरान में पेंटागन 'आतंकी’ घोषित
ईरान की संसद ने अमेरिका के पेंटागन और उसकी मिलिट्री को 'आतंकी संगठन घोषित' करने के लिए एक बिल पास किया था. संसद में एक स्पेशल धारा के तहत विधेयक पारित किया गया है. ये विधेयक जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद लाया गया.
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारिफ ने मंगलवार को बताया कि अमेरिका ने उन्हें न्यू यॉर्क स्थित UN जाने के लिए वीजा जारी करने से मना कर दिया है. जारिफ ने कहा, "ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि अमेरिका को डर है कि कोई वहां जाकर सब सच सच बता देगा तो फिर उसकी पोल खुल जाएगी." जारिफ ने कहा कि दुनिया केवल न्यू यॉर्क तक सीमित नही है और वो तेहरान से भी आवाज उठा सकते हैं.
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