वियना में परमाणु वार्ता को लेकर ईरान के शीर्ष वातार्कार ने शनिवार को कहा कि चर्चा सही रास्ते पर है और परामर्श जारी रहेगा. समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ईरानी मीडिया को बताया कि ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी के प्रतिनिधियों के बीच 'अच्छी चर्चा' हुई.
अराघची ने कहा , "ऐसा लगता है कि एक नई समझ उभर रही है और अब चीजें सबके लिए सामान्य हैं .. हमें अंतिम लक्ष्य तक पहुंचना है."
अराघची के अनुसार, ईरान ने उस आधार के रूप में काम करने के लिए एक रोडमैप का मसौदा तैयार किया है, जिसके आधार पर अगर अमेरिका प्रतिबंधों को हटाता है तो इस्लामिक गणराज्य परमाणु समझौते में अपनी तकनीकी प्रतिबद्धताओं पर लौट सकता है.
अराघची ने आगाह किया कि हो सकता है कि 'गंभीर असहमति' बनी रहे, लेकिन आने वाले दिनों में तकनीकी परामर्श जारी रहेगा. वार्ताकार ऑस्ट्रिया की राजधानी में एक हफ्ते से ज्यादा समय से काम कर रहे समूहों से मिल रहे हैं.
इस वार्ता का लक्ष्य 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करना है, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिए किया गया था.
2018 से यह समझौता अधर में लटक गया, जब तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर दिया और तेहरान ने अपनी शर्तो का उल्लंघन करना शुरू कर दिया.
ईरान ने इस सप्ताह अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम में एक बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की, जिससे देश में परमाणु हथियारों के उत्पादन की क्षमता पर नई आशंकाओं ने जन्म लिया है.
बाद में शनिवार को, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने पुष्टि की कि ईरान ने 60 प्रतिशत तक यूरेनियम को समृद्ध किया है.
ईरान परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) के प्रमुख अली अकबर सालेही के अनुसार, ईरान ने शुक्रवार रात पहली बार अपनी यूरेनियम क्षमता को 60 प्रतिशत तक बढ़ाया. आईएईए के प्रवक्ता ने वियना में कहा कि संवर्धन के सटीक स्तर का अभी भी विश्लेषण किया जा रहा है.
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