एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, सऊदी अरब के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन, बहरीन, सूडान, कुवैत, मोरक्को, पाकिस्तान, ट्यूनीशिया, ओमान, कतर, मलेशिया व कई अन्य देशों की सेना एकसाथ उत्तरी सऊदी अरब में 18 दिन तक युद्धाभ्यास करेगी.
मेन्सन्यूजडेली में मिशेल स्नाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3,50,000 सैनिक, 20,000 टैंक, 2,450 लड़ाकू विमान और 460 सेना के हेलिकॉप्टर ‘नॉर्दन थंडर’ नाम के इस सैनिक अभ्यास से जुड़ेंगे.
इस दौरान सऊदी अरब का आकाश अन्य हवाई उड़ानों के लिए बंद रहेगा. रिपोर्ट यह भी बताती है कि यह सैन्य अभ्यास इस क्षेत्र के इतिहास में अपनी तरह का सबसे बड़ा अभ्यास होगा.
अफवाहें हैं कि सऊदी अरब और टर्की, सीरिया के खिलाफ बड़े स्तर पर जमीनी हमला करने की तैयारी में हैं. ऐसे में यह सैन्य अभ्यास पलक झपकते ही विश्वयुद्ध में तब्दील हो सकता है.
रिपोर्ट कहती है कि ‘सैन्य अभ्यास’ किसी भी आक्रमण के लिए सेना इकट्ठा करने का सबसे आम बहाना है, क्योंकि कोई भी देश खुलकर यह नहीं कहेगा कि उसकी सेना युद्ध के लिए जा रही है.
अगर ये अफवाहें सच हैं, तो हमला कुछ हफ्तों के भीतर शुरू हो सकता है. रिपोर्ट कहती है कि इस हमले का मुख्य उद्देश्य होगा रूस की प्रतिक्रिया से पहले सीरिया की बशर अल असद सरकार को खत्म करना.
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