ईरान और इजरायल के बीच युद्ध के आसार नजर आ रहे हैं. ऐसे में अमेरिका ने मामले में दखल देते हुए ईरान को शांति बनाए रखने की चेतावनी दी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने ईरान द्वारा इजरायल पर हमला करने की आशंका जताते हुए ईरान को 'ऐसा न करने' की हिदायत दी है.
बाइडेन ने आशंका जताई है कि ईरान सीरिया में अपने दूतावास पर हुए हमले का बदला लेने के लिए इजरायल पर पलटवार करेगा. 12 अप्रैल को हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा, ''हम इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम इजरायल का साथ देंगे, हम इजरायल की सुरक्षा करेंगे और ईरान सफल नहीं हो पाएगा.''
यह बयान देकर अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह इजरायल के साथ है.
अमेरिका ने फिलहाल इजरायल और ईरान की यात्रा पर पाबंदी लगा रखी है और अपने दूतावास के कर्मचारियों को भी इजरायल जाने से रोक रखा है.
वहीं, बाइडेन की टिप्पणी से पहले, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इजरायल पर ईरान के हमले की आशंकाओं को "वास्तविक खतरा" बताया था. हालांकि, उन्होंने कोई समयसीमा बताने से परहेज किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को यह उम्मीद नहीं है कि ईरान या उसके प्रतिनिधि उसकी सेना पर हमला करेंगे.
उन्होंने कहा कि देश अभी भी क्षेत्र में अपनी स्थिति पर नजर रख रहा है.
भारत के अलावा, फ्रांस, पोलैंड और रूस ने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
भारत के अलावा, फ्रांस, पोलैंड और रूस ने भी अपने नागरिकों को इस क्षेत्र की यात्रा के खिलाफ चेतावनी दी है. जर्मनी के विदेश कार्यालय ने एक सलाह में कहा कि अचानक तनाव बढ़ने का खतरा है. उन्होंने जर्मन नागरिकों को गिरफ्तार किए जाने का डर जाहिर किया. देश ने कहा, "जर्मन नागरिकों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किए जाने और पूछताछ किए जाने और लंबी जेल की सजा दिए जाने का ठोस खतरा है. ऐसे हालात में खास तौर से ईरानी और जर्मन राष्ट्रीयता वाले दोहरे नागरिक जोखिम में हैं."
ईरान में लगभग 4000 भारतीय रहते हैं. इजरायल में 18500 प्रवासी भारतीय रहते हैं. पीटीआई ने बताया कि नई दिल्ली दोनों देशों से भारतीयों को निकालने की तैयारी कर रही है.
वहीं मिडिल ईस्ट के हालात देखते हुए भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अगली सूचना तक इजरायल और ईरान की यात्रा न करें. साथ ही पहले से इन देशों में रहने वाले भारतीयों से आग्रह की है कि वह मंत्रालय से संपर्क करें. शुक्रवार, 12 अप्रैल को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है, "जो नागरिक पहले से ईरान या इजरायल में रह रहे हैं उनसे गुजारिश है कि वे भारतीय दूतावासों से संपर्क करें और अपना रजिस्ट्रेशन कराएं."
इस बीच, ईरान समर्थित लेबनानी मिलिशिया हिजबुल्लाह ने शुक्रवार को उत्तरी इजरायल की ओर कई मिसाइलें दागीं.
इजरायल के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी डैनियल हगारी ने कहा कि देश प्रत्येक खतरे से व्यक्तिगत रूप से निपटने में सक्षम है. उन्होंने कहा...
"हमारा डिफेंस तैयार है और जानता है कि प्रत्येक खतरे से व्यक्तिगत रूप से कैसे निपटना है. हम इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा के लिए विभिन्न क्षमताओं के साथ हमले के लिए भी तैयार हैं."
उन्होंने ईरान पर मध्य पूर्व में स्थिति को बढ़ाने का आरोप लगाया.
हगारी ने कहा कि इजरायल ईरानी खतरे से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, "हम युद्ध की शुरुआत से ही उनके (सभी) खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "ईरान तनाव बढ़ा रहा है, क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने पर जोर दे रहा है. हमें पता होगा कि ईरानी खतरे से कैसे निपटना है. हम अच्छी तरह से तैयार हैं और जानते होंगे कि किसी भी चीज का जवाब कैसे देना है."
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