अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को क्लासीफाइड इंटेलिजेंस ब्रीफिंग (गोपनीय खुफिया जानकारी) नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने ट्रंप के ‘अनिश्चित व्यवहार’ का हवाला देते हुए यह बात कही है.
"सीबीएस ईवनिंग न्यूज" की एंकर नोरा ओ'डॉनेल के साथ एक इंटरव्यू में यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि ट्रंप को इंटेलिजेंस ब्रीफिंग मिलनी चाहिए अगर उन्होंने अनुरोध किया, बाइडेन ने कहा, ''मुझे लगता है कि नहीं.''
जब बाइडेन से पूछा गया कि ट्रंप को ये ब्रीफिंग्स मिलती रहें तो उन्हें क्या होने की आशंका है, तो उन्होंने कहा, ‘’मैं ज्यादा अटकलें नहीं लगाऊंगा.’’ बाइडेन ने कहा, ‘’मैं सिर्फ यह सोचता हूं कि उनको इंटेलिजेंस ब्रीफिंग देने की कोई जरूरत नहीं है.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''उन्हें इंटेलिजेंस ब्रीफिंग देने का क्या मतलब है? वह क्या प्रभाव डाल सकते हैं? इसके बजाय तथ्य तो यह है कि उनकी जुबान फिसल सकती है और वह कुछ भी कह सकते हैं.''
सीएनएन के मुताबिक, अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपतियों को पारंपरिक रूप से इंटेलिजेंस ब्रीफिंग्स के लिए अनुरोध करने और उन्हें हासिल करने की अनुमति दी जाती रही है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा वक्त में ये ब्रीफिंग्स जिमी कार्टर, बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू बुश और बराक ओबामा को नियमित रूप से दी जाती हैं.
शुक्रवार को प्रसारित हुए इंटरव्यू में बाइडेन ने इस पर जवाब देने से इनकार कर दिया कि अगर वह सीनेटर होते तो क्या अगले हफ्ते महाभियोग के ट्रायल में ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए वोट देते. उन्होंने कहा, "देखो, मैंने उन्हें हराने के लिए जोर लगाया क्योंकि मुझे लगा कि वह राष्ट्रपति होने के लिए अयोग्य थे.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अब सीनेट में नहीं हैं, ऐसे में वह फैसला सीनेट के ऊपर छोड़ते हैं.
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