कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान मंगलवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में दूसरी बार अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेगा. पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी. हालांकि आईसीजे ने इस पर रोक लगा दिया था.
पाक बोला, जाधव सामान्य इंसान नहीं
पाकिस्तानी मीडिया चैनल जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 400 पेज का जवाबी हलफनामा पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल के नेतृत्व में तैयार किया गया है. इसे फॉरेन ऑफिस डायरेक्टर इंडिया फरेह बुग्ती आईसीजे में दाखिल करेंगे. इसके लिए वह द हेग पहुंच चुके हैं.
इस्लामाबाद ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि जाधव कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है और इसलिए वह विएना कंवेंशन के दायरे में नहीं आता है.
17 अप्रैल को भारत ने आईसीजे में नया केस दाखिल दिया था. भारत के इसी केस के जवाब में अब पाकिस्तान अपना जवाबी हलफनामा दाखिल कर रहा है. पाकिस्तान को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 17 जुलाई तक का समय दिया गया था.
भारत ने कुलभूषण मामले पर पिछले साल 8 मई को इंटरनेशनल कोर्ट का रूख किया था. साथ ही जाधव को कांसुलर एक्सेस नहीं देने के चलते पाकिस्तान के ऊपर विएना कन्वेंशन ऑन कांसुलर रिलेशन, 1963 के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया था.
जासूसी के आरोप में PAK ने सुनाई थी सजा-ए-मौत
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. जाधव को तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान के माशकेल इलाके में पाकिस्तान के खिलाफ जासूसी और विध्वंसकारी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की ओर से सुनाई गई सजा पर रोक लगाने के लिए भारत ने आईसीजे में गुहार लगाई थी.
ICJ ने लगाई थी जाधव की फांसी पर रोक
आईसीजे ने पाकिस्तान से मामले में अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया था. साथ ही आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को जानकारी देने के लिए कहा था.
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