पश्चिमी देशों के गठबंधन- उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन नाटो(NATO) ने सोमवार को ऐलान किया है कि वह पूर्वी यूरोप की सीमाओं पर रूस के द्वारा सैनिकों की तैनाती का जवाब देते हुए बड़ी संख्या में फाइटर जेट्स और युद्धपोत तैनात कर रहा है. इसके साथ ही वह रूस से लगती सीमाओं पर अतिरिक्त सैन्यबलों को भी स्टैंडबाई पर रख रहा है.
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा कि, "मैं नाटो में अतिरिक्त बलों का योगदान करने वाले सहयोगियों का स्वागत करता हूं." नाटो गठबंधन के पूर्वी हिस्से को मजबूत करने सहित सभी सहयोगियों की रक्षा और बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय करना जारी रखेगा.
वहीं, दूसरी और ब्रिटेन ने कहा कि वह "रूस से बढ़ते खतरे" के जवाब में यूक्रेन में अपने दूतावास से कुछ कर्मचारियों और आश्रितों को वापस बुला रहा है, एक दिन बाद जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वह राजनयिकों के परिवार के सदस्यों को छोड़ने का आदेश दे रहा था.
अमेरिका ने भी दी चेतावनी
अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि, "रूस की ओर से कभी भी सैन्य कार्रवाई की जा सकती है." अधिकारी "ऐसी आकस्मिक स्थिति में अमेरिकी नागरिकों को निकालने की स्थिति में नहीं होंगे, इसलिए वर्तमान में यूक्रेन में मौजूद अमेरिकी नागरिकों को उसी के अनुसार योजना बनानी चाहिए.
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस को यूक्रेन पर आक्रमण न करने की चेतावनी दी है. डेनमार्क ने कहा कि यूरोपीय संघ "पहले कभी नहीं देखा गया" आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार था और ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक ने कहा कि वे मास्को को एक एकीकृत चेतावनी भेजेंगे.
आपको बता दें, नाटो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के 30 देशों का संगठन है. इसमें फ्रांस, बेल्जियम, लक्जम्बर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैंड, इटली, नॉर्वे, पुर्तगाल, जर्मनी, अमेरिका और तुर्की जैसे देश शामिल हैं.
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